jail
प्रतीकात्मक तस्वीर

    Loading

    नागपुर. सेंट्रल जेल के कैदियों को मोबाइल और गांजा उपलब्ध कराने वाले रैकेट के मुख्य सूत्रधार निलंबित सब इंस्पेक्टर प्रदीपकुमार नितवने को बुधवार को दोपहर क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार कर लिया. डीसीपी चिन्मय पंडित के मार्गदर्शन में एंटी नार्कोटिक्स सेल के इंस्पेक्टर मनोज सिडाम प्रकरण की जांच कर रहे हैं. अपनी ही परिचित किशोरी के साथ चिखलधरा में दुष्कर्म करने के मामले में सीताबर्डी पुलिस ने प्रदीपकुमार नितवने को गिरफ्तार किया था.

    पूछताछ के बाद उसे जेल रवाना कर दिया गया. मोका के आरोपी सूरज कवाले और वह एक ही बैरेक में थे. इस दौरान दोनों की अच्छी दोस्ती हो गई. सूरज के माध्यम से प्रदीप ने जेल में मोबाइल फोन बुलवाया. दस्तावेजों की फाइल में छिपाकर सूरज मोबाइल फोन जेल के भीतर ले गया. मोबाइल की बैटरी खत्म होने के बाद प्रदीप ने अपने भाई को सूरज के भाई शुभम से मिलने को कहा. प्रदीप के भाई सचिन ने शुभम के खाते में 45,000 रुपये ट्रांसफर किए. शुभम ने दस्तावेजों की फाइल के बीच में मोबाइल की 15 बैटरी और 51 ग्राम गांजा छिपाकर सूरज को दे दिया लेकिन जांच के दौरान वह पकड़ा गया.

    जांच में कई अपराधियों द्वारा फोन पर बातचीत करने की बात सामने आई. सीपी अमितेश कुमार ने प्रकरण की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी. बुधवार को पुलिस ने प्रदीप को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया. उसे न्यायालय में पेश किया गया. अदालत ने प्रदीप को 16 सितंबर को तक पुलिस हिरासत में रखने के आदेश दिए हैं. अब तक इस मामले में 8 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. आगे इस मामले में चर्चित अपराधी शेखू, दिवाकर कोतुलवार के छोटे भाई आशीष कोतुलवार, क्रिप्टो करंसी फ्राड और हत्या के आरोपी निषेध वासनिक और अजीत सातपुते पर भी गाज गिर सकती है. पुलिस की जांच में पता चला है कि इन चारों अपराधियों ने भी जेल के भीतर से मोबाइल पर कई लोगों से बातचीत की है.