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    नागपुर. महंगाई के दौर में यात्रियों को किराये में रियायत दे रही एसटी महामंडल की बसें अब टैक्स के दायरे में आने से मुसीबत में पड़ गई हैं. यह टैक्स उन बसों को देना होगा जो समृद्धि महामार्ग से होकर नागपुर आएंगी. हाल में शुरू हुई नागपुर शिर्डी बस में यही हाल देखने को मिल रहा है. अधिकारियों का कहना है कि जैसे-जैसे समृद्ध महामार्ग पर बसों की संख्या बढ़ेगी वैसे- वैसे एसटी बसों पर टैक्स का बोझ भी बढेगा. सूत्रों के अनुसार एक बस पर पांच से छह हजार रुपए तक का खर्चा आ सकता है.

    ऐसे में पहले से ही घाटे में चल रही एसटी बसों के मामले में प्रबंधन पर दबाव बढ़ेगा क्योंकि बस चलाने के लिए तमाम खर्चे उन्हें मैनेज करने होते हैं. जिन बसों में सवारियां भरपूर मिलती हैं उनमें तो कोई दिक्कत नहीं है लेकिन कम सवारी वाली बसों में दिक्कत आएगी. बता दें कि समृद्धि महामार्ग पर टैक्स बस की संख्या के हिसाब से लेता है न कि सवारी की संख्या के हिसाब से. इस कारण एसटी प्रबंधन के लिए यह घाटे का सौदा साबित हो सकता है. इस घाटे से उबरने के लिए उसे किराये में इजाफे का निर्णय लेना पड़ सकता है जो कि प्रबंधन या सरकार फिलहाल नहीं चाहती. 

    किराया बढ़ाने की चर्चा 

    सूत्रों के अनुसार नए साल में एसटी प्रबंधन कई स्थानों के लिए किराये में इजाफा कर सकता है. यह इजाफा समृद्धि मार्ग से गुजरने वाली बसों में संभव है. हालांकि अभी यह मामला सिर्फ चर्चा का विषय है. फिलहाल आगे चलकर हकीकत का रूप ले सकता है. इसके लिए एसटी प्रबंधन को सरकार से अनुमति लेनी होगी. बीते दिनों हुई बैठक में सीएम ने सीधे अधिकारियों को बसों की व्यवस्थाएं दुरस्त करने के निर्देश दिए थे ताकि यात्रियों की संख्या बढ़ाई जा सके लेकिन अधिकारियों का तर्क है कि सुविधाएं बढ़ाने के लिए फंड की व्यवस्था करनी होगी तभी कुछ हो सकेगा.