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नागपुर. अपने मुख्यालय यानी नियुक्ति स्थल पर नहीं रहते हुए सिटी से अप-डाउन करने वाले सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों का मकान किराया काटने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. जिप उपाध्यक्ष व स्वास्थ्य समिति कुंदा राऊत ने 1 जुलाई से सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों को जिले में अपने कार्यस्थल पर ही रहने का आदेश दिया था लेकिन बावजूद इसके कर्मचारियों के रवैये में कोई फर्क नहीं देखा गया.

समिति की बैठक में राऊत ने सभी तहसील स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया कि 15 दिनों से मुख्यालय में नहीं रहने वाले कर्मचारियों की सूची पेश करें. जो अपने कार्यस्थलों में नहीं रहते उन सभी का मकान किराया भत्ता काटने का निर्देश उन्होंने दिया. वहीं एक वैद्यकीय अधिकारी का किराया भत्ता काटने की कार्रवाई भी की गई. बैठक में समिति सदस्य अरुण हटवार, रश्मि कोटगुले, मनीषा फेंडर, पुष्पा चाफले, कविता साखरवाडे, शालिनी देशमुख, नीलिमा उईके सहित डीएचओ व अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

56 गांवों में दूषित पानी

बैठक में बताया गया कि अब तक जिले में मलेरिया व अन्य संक्रामक बीमारियां नहीं हैं. विभाग द्वारा जुलाई में 1,125 पानी के नमूने जांच के लिए लैब भेजे गए थे जिनमें से 56 दूषित पाए गए. तत्काल उपाययोजना करने का निर्देश राऊत ने अधिकारियों को दिया. मानसून के बाद स्वच्छता सर्वेक्षण में जिन ग्राम पंचायतों को पीला कार्ड दिया गया है उसे शीघ्र ही हरे कार्ड में‍ रूपांतरित करने का निर्देश सभी बीडीओ को देने का आदेश डीएचओ को दिया. राऊत ने बताया कि विभाग की ओर से राष्ट्रीय नेत्र रोग अंधत्व निवारण कार्यक्रम के तहत अगस्त में 16 जगहों पर मोतियाबिंद ऑपरेशन का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. उन्होंने जिले के सभी नागरिकों से इसका लाभ उठाने की अपील की है.