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    देवलापार. मां… बताओ न मेरी क्या गलती है? छोटी हूं तो भी इस दूनिया में आने के लिए मैंने तो कोई जीद तो नहीं की थी. मां तुम्हारी वजह से मैं इस दूनिया में आई और इस दुनिया को देखा, लेकिन तुम्हारा ही चेहरा नहीं देख पाई. मै अनामिका. मेरा नाम, मेरा घर, मेरे माता-पिता कौन है, यह तक मुझे नहीं पता. इस स्वार्थी दुनिया में मां के रूप में तूम मेरी रक्षा करोगी,शायद यह भगवान को पता था. इसलिए उन्होने मुझो इस दूनिया में भेजा होगा. लेकिन मां तुमने तो मुझे कपड़े में लपेटकर सड़क पर ही फेंक दिया, तू इतनी निर्दयी कैसे हो गई? मां.. बताओं मेरी क्या गलती थी?

    एक नवजात भ्रुण शायद यही सवाल अपनी जन्मदाता मां को पूछ रही है. एक मां ने अपने पेट के  गोले को बड़ी ही निर्दयता से जंगली जानवरों के हवाले एक खेत में फेंक दिया. देशाभर में बच्चियों के साथ आए दिन कोई न कोई घटनाएं हो रही है, ऐसे में यह दिल झकझोर देनेवाली घटना रामटेक पुलिस स्टेशन अंतर्गत आनेवाले नीमटोल में प्रकाश में आई है.

    बुधवार की रात करीब 11 बजे निमटोला की सुनिता हंसराज कुमरे (40) यह अपने खेत में अपने बेटी के साथ खेत की रखवाली करने गई थी. एसे उसके खेत में घास से बने झोपड़े में छोटे बच्चे की रोने की आवाज आई. इतनी रात गये छोटे बच्चे की आवाज उसने झोपड़ी में जाकर देखा तो, वहां के मचान पर एक नवजात बच्ची दिखी. आसपास नवजात की मां या किसी और ढूंढा पर कोई नजर नहीं आया.एसे कुछ अजीब लगा, लेकिन लावारिस नवजात शिशु मिलने से वह घबरा सी गई.

    उसने ग्रामवासियों के माध्यम से पुलिस को इसकी जानकारी दी.सूचना मिलते ही थानेदार प्रवीण बोरकुटे अपने स्टाफ सहित घटनास्थल पर पहुंचे.  महिला पुलिस उप निरीक्षक लक्ष्मी एस. घोडके उस बच्ची को उठाकर उसके माता-पिता की खोजबिन की. परंतु, कुछ पता नहीं चल पाया. इसके बाद बच्ची को महिला पुलिस कर्मचारी स्नेहा डोंगरे के हाथों सहीसलामत बच्ची की देखभाल करने के लिए मेडिकल हॉस्पिटल नागपुर में भर्ती किया गया.

    अज्ञात माता-पिता पर मामला दर्ज

    इस अज्ञात बच्ची के माता-पिता के खिलाफ सुनिता हंसराज कुमरे की जुबानी शिकायत पर भादवि की धारा 317 के तहत मामला दर्ज किया गया. आगे की जांच पुलिस निरीक्षक राकेश नलगुंडवार द्वारा की जा रही है.

    अनैतिक संबंधों का परिणाम ?

    यह बच्चा अनैतिक संबंधों से या फिर लड़की होने उसे इस तरह लावारिस छोड़ दिया होगा, ऐसी चर्चा परिसर में हो रही है. उसी प्रकार इस बच्ची का किसी को कुछ पता नहीं चल सके या फिर जंगली जानवर इसे खा जाए और सारे सुराग नष्ट हो जाए, इस उद्देश्य से, बच्ची को फेंकने की भी चर्चा गांव में हो रही है.