Nagpur High Court
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    नागपुर. स्मार्ट सिटी की ओर से मंगाए गए टेंडर की टेक्निकल बोली (बीड) में बिना कोई कारण दिए टेंडर ठुकराए जाने पर गोंडवाना इंजीनियर्स की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई. याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता द्वारा गलत जानकारी दिए जाने का मामला उजागर होने से न्यायाधीश सुनील शुक्रे और न्यायाधीश जी.ए. सानप ने झूठी जानकारी देने के लिए कार्रवाई क्यों न की जाए, इसका जवाब दायर करने के आदेश याचिकाकर्ता को दिए.

    हाई कोर्ट की ओर से कार्रवाई होने की संभावना को देखते हुए अब याचिकाकर्ता कम्पनी ने बिना शर्त याचिका वापस लेने का अनुरोध अदालत से किया. जिसे स्वीकृत कर अदालत ने याचिका का निपटारा कर दिया. याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि 17 जुलाई 2022 को स्मार्ट सिटी की ओर से पत्र भेजकर टेंडर के दस्तावेजों की खामियां दूर करने के निर्देश दिए गए थे. दूसरे ही दिन 18 जुलाई को खामियां दूर की गई लेकिन 19 जुलाई को स्मार्ट सिटी ने टेक्निकल बीड में अयोग्य घोषित कर दिया.

    ब्लैक लिस्ट होने की छिपाई थी जानकारी

    अदालत द्वारा दिए गए आदेशों के अनुसार स्मार्ट सिटी की ओर से हाई कोर्ट में हलफनामा दायर किया गया. इसमें बताया गया कि याचिकाकर्ता ने टेंडर की शर्तों के अनुसार घोषणापत्र दिया था जिसमें कम्पनी को गत 3 वर्षों में उसे किसी भी केंद्रीय, राज्य, पीएसयू या किसी भी सरकारी व अर्धसरकारी संस्था द्वारा ब्लैक लिस्ट नहीं किया गया. यहां तक कि उससे काम नहीं छीना गया. निश्चित ही टेंडर की तारीख 15 जुलाई 2022 थी लेकिन जो अन्य दस्तावेज प्रस्तुत किए गए, उसके अनुसार मध्य प्रदेश, भोपाल के नागरी प्रबंधन और विकास संचालनालय की ओर से 19 जून 2020 को ब्लैक लिस्ट किया गया है लेकिन याचिकाकर्ता कम्पनी ने इसका खुलासा नहीं किया था. 

    दिया झूठा शपथ पत्र 

    अदालत ने आदेश में स्पष्ट किया था कि इस तरह से याचिकाकर्ता ने स्मार्ट सिटी को टेंडर भरते समय झूठा शपथ पत्र दिया. इसी तरह से याचिकाकर्ता ने कोर्ट से भी वास्तविकता छिपाकर राहत पाने का प्रयास किया. जिससे उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए, इसका जवाब दायर करने के आदेश दिए थे. हलफनामा दायर करने से पहले ही कम्पनी सुनवाई के दौरान याचिका वापस लेने की इच्छा जताई. जिसे स्वीकार किया गया.