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    नागपुर. प्रशासन द्वारा कोरोना की तीसरी लहर की संभावना व्यक्त की जा रही है. पालक मंत्री नितिन राऊत ने लॉकडाउन के संकेत दिए हैं लेकिन जनता सवाल कर रही है कि जब प्रशासन तीसरी लहर से निपटने तैयार होने का दावा कर रहा है तो फिर लॉकडाउन ही क्यों जरूरी है. इससे सभी की परेशानी बढ़ जाएगी. 

    फिलहाल जिले में कोरोना नियंत्रण में है. बुधवार को आई रिपोर्ट में 6 पॉजिटिव मिले. इससे साफ हो गया है कि हालात बिगड़े नहीं हैं. इसके बावजूद प्रशासन द्वारा लॉकडाउन की तैयारी की जा रही है. नागरिकों का कहना है कि पिछले लॉकडाउन की वजह से आर्थिक हालत कमजोर हो गई है. कइयों का व्यवसाय चौपट हो गया. सैकड़ों लोगों की नौकरी चली गई. जैसे-तैसे स्थिति में सुधार हुआ ही था कि एक बार फिर से लॉकडाउन की चर्चा ने टेंशन बढ़ा दिया है.

    लॉकडाउन में सरकार ने किसी भी तरह की राहत नहीं दी. बिजली बिल सहित तमाम तरह की टैक्स वसूली सतत रूप से जारी है. जब कमाई ही नहीं होगी तो फिर टैक्स वसूली क्यों की जा रही है. महंगाई सातवें आसमान पर पहुंच गई है. सरकार पेट्रोल और सिलेंडर के दाम लगातार बढ़ा रही है. बाहर से लेकर घर के भीतर का बजट गड़बड़ा गया है. इस हालत में एक बार फिर लॉकडाउन की मार से जनता में त्राहि-त्राहि मचेगी.

    पहले से ही खराब है आर्थिक हालत 

    नागरिकों का कहना है कि अब लॉकडाउन किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसकी बजाय प्रशासन द्वारा सख्ती की जानी चाहिए. बाजारों में उमड़ रही भीड़ को नियंत्रण में रखने के लिए नियम बनाए जाने चाहिए. बेवजह लॉकडाउन से सभी स्तर पर मुसीबत बढ़ जाएगी. बच्चे 18 महीनों से घर में कैद हैं. स्कूल-कॉलेज बंद हैं.

    ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों की मानसिक स्थिति पर असर हो रहा है. इस दिशा में सरकार कोई भी ध्यान नहीं दे रही है. वहीं दूसरी ओर फीस वसूली जारी है. सरकार राहत देने की बजाय जनता को मुसीबत में डालने का काम कर रही है. मेडिकल यंत्रणा को सुसज्ज करने पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं. इसके बाद भी सरकार के मन में ‘डर’ बना है. 

    वैक्सीनेशन मुहिम पर लगाएं जोर 

    कोरोना ने कई लोगों को बर्बाद कर दिया है. अब भी कई लोगों की आर्थिक हालत में सुधार नहीं हुआ है. सरकारी नौकरीपेशा मजे में हैं लेकिन प्राइवेट जॉब करने वालों की स्थिति के बारे में विचार नहीं किया जा रहा है. लॉकडाउन की बजाय सरकार को अधिकाधिक लोगों को वैक्सीन लगाने पर जोर देना चाहिए. जब प्रशासन ही खुद कह रहा है कि कोरोना से लड़ने के लिए वैक्सीन ही एकमात्र उपाय है फिर जल्द से जल्द वैक्सीनेशन को पूरा किया जाना चाहिए. अब भी सैकड़ों लोगों को सेकंड डोज नहीं लगा है. घरपहुंच मुहिम चलाकर लोगों का टीकाकरण किया जाना चाहिए.