भुसावल: भुसावल (Bhusaval) शहर में 27 जनवरी को आए भूकंप के बाद शहर की जर्जर इमारतों (Old Buildings) का सवाल सामने आया। कुछ दिनों पहले जलगांव (Jalgaon) में एक इमारत गिरने से एक बुजुर्ग महिला की मौत के बाद फिर से बिना उपयोग वाली इमारतों का मुद्दा उठा है।
इन इलाकों में जर्जर इमारतें
शहर के विट्ठल मंदिर वार्ड, कुलकर्णी प्लॉट, म्युनिसिपल पार्क एरिया, गंगाराम प्लॉट एरिया, जूना सतारे, ओंकारेश्वर मंदिर क्षेत्र आदि में जर्जर इमारतें हैं। कुछ इमारतों में नागरिक भी रहते हैं। मकान मालिकों और किरायेदारों के बीच विवादों के साथ-साथ कुछ विवादों के कारण अदालती बहसें चल रही हैं। इससे नगर पालिका को भी कार्रवाई करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
खुद नगर पालिका की है जर्जर इमारत
नगर पालिका की जूनी इमारत काफी जर्जर हो चुकी है। भवन की जिम्मेदारी नगर पालिका की है, लेकिन नगर पालिका के स्वामित्व वाला पुराना प्रशासनिक भवन ही जर्जर है। पिछले दिनों स्ट्रक्चरल ऑडिट में खतरनाक पाई गई यह इमारत आज भी खड़ी है।
नगर पालिका का पुराना प्रशासनिक भवन अभी भी खड़ा है। चूंकि इस इमारत के सामने की दुकानें खुली हैं, इसलिए यहां खतरा ज्यादा है, लेकिन हमेशा की तरह इसे नजरअंदाज किया जा रहा है। यदि भविष्य में कोई दुर्घटना घटी तो कौन जिम्मेदार होगा? एक बड़ा सवाल है।
नगरपालिका द्वारा नोटिस जारी किए गए
जर्जर इमारतों का मुद्दा बार-बार उठने के कारण नगर पालिका ने अब शहर के 80 संपत्ति मालिकों को नोटिस जारी किया है। संबंधित संपत्ति मालिकों को 29 सितंबर तक दस्तावेज नगर पालिका में जमा कराने के लिए सूचित किया गया है।