Rain with thunderstorm in Gondia, power failure, loss of crops

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चांदवड : चांदवड तहसील (Chandwad Tehsil) के पन्हाले गांव में विगत दिनों हुई बेमौसम की वर्षा (Unseasonal Rain) और ओला गिरने से प्याज (Onion), गेहूं (Wheat), चना समेत अन्य फसलों (Crops) को भारी नुकसान पहुंचा है। सिर्फ पन्हाले गांव ही नहीं बल्कि चांदवड तहसील से संबंध बहुत से गांवों में फसलों के बर्बाद होने की जानकारी मिली है। 

शुक्रवार को चांदवड तहसील के दक्षिण पट्टी के गांव में वज्रपात के साथ आधे घंटे तक ओलावृष्टि के साथ बेमौसम बरसात हुई। अचानक हुई इस वर्षा के कारण किसानों को अपनी खेतों में लगी फसलों से हाथ धोना पड़ा है। न सिर्फ वर्षा बल्कि ओले गिरने से प्याज, गेहूं, चना, अंगूर, अनार की फसलों का काफी नुकसान पहुंचा है। विगत वर्ष सितंबर महीने में भी बेमौसम वर्षा हुई थी, उस वक्त के खेतों में लगी लाल प्याज की फसल को काफी नुकसान पहुंचा था। बेमौसम वर्षा के कारण नष्ट हुई फसलों के कारण तहसील के किसानों के सामने आर्थिक संकट गहरा गया है। 

उल्लेखनीय है कि तहसील के पन्हाले गांव में सबसे ज्यादा ओलावृष्टि हुई है, जबकि विटवे, गंगवे, सोनिसगवी, काजीसांगवी, सालसाने, वाहेगवासल, रेडगांव, वाकी गांवों में भारी बेमौसम बारिश हुई। इन गांवों में भी कृषि फसलों का भारी नुकसान हुआ है। एक तरफ सुलतानी तो दूसरी तरफ किसान आसमानी संकट से अभिभूत-पिछले दो महीने से प्याज की फसल के दाम गिरने से मार्केट कमेटी में प्याज 300 से 400 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा था। किसानों के मजदूरों की सही कीमत पर गणना न होने के कारण किसानों पर सरकार, व्यापारी और शासन की ओर से दी जा रही समस्याएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। किसानों को लगभग हर सीजन की फसल में बेमौसम वर्षा,बदरीले मौसम और ओला गिरने से फसलों के बर्बाद होने जैसे संकटों का सामना करना पड़ता है। इस प्राकृतिक संकट के कारण तहसील के किसानों के मस्तक पर चिंता की लकीरें स्पष्ट रूप से देखी जाने लगी हैं। प्राकृतिक आपदा से ग्रस्त और आर्थिक किल्लत से जूझते किसानों को सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की मदद नहीं मिल रही है।