नाशिक: जिले की मुख्य फसल प्याज (Onions) की दरों में हो रही लगातार गिरावट के कारण यहां के प्याज उत्पादक परेशानी में हैं। इस वर्ष प्याज के लगातार गिरते भाव (Price) ने प्याज उत्पादकों की चिंता बढ़ा दी है। प्याज के गिरते भाव को रोकने के लिए राज्य सरकार (State Govt.) कारगर कदम उठाए, ऐसी मांग पूर्व मंत्री छगन भुजबल ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Deputy Chief Minister Devendra Fadnavis) से की है। भुजबल ने कहा कि उत्पादन खर्च से भी कम दाम मिलने से प्याज उत्पादक किसानों की हालत बहुत खराब है। भुजबल ने कहा है कि प्याज को प्रति किलो 25 रुपए की मांग प्याज उत्पादकों की ओर से की जा रही है। इस मुद्दे को लेकर आगामी 16 अगस्त से प्याज बिक्री बंद करने की चेतावनी दी है।
वर्तमान में रबी (गर्मी) की प्याज सामान्य औसत 800 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से बिक रही है। पिछले 15 दिनों में प्याज के बाजार भाव को देखते हुए किसानों को मौजूदा कीमत पर उत्पादन बेचने से लागत भी निकालना मुश्किल हो गया है। इस वर्ष गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल के साथ महाराष्ट्र के नाशिक, पुणे, सोलापुर जिलों में प्याज की अच्छी पैदावार के कारण प्याज की घरेलू मांग में कमी आई है।
प्याज का निर्यात ठप हो गया
बांग्लादेश ने प्याज के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है और श्रीलंका आर्थिक संकट में है। इससे प्याज का निर्यात ठप हो गया है। चूंकि इन दो प्रमुख आयातक देशों को भारतीय प्याज का निर्यात नहीं किया जा रहा है, इसलिए मांग में कमी के कारण प्याज का बाजार मूल्य दिन-ब-दिन गिर रहा है। भुजबल ने इशारा किया कि अगर कीमतों में गिरावट जारी रही तो केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ किसान विरोध प्रदर्शन पर उतर सकते हैं। वर्तमान में बाजार समितियों में बिकने वाली ग्रीष्मकालीन प्याज के अधिक मात्रा में निर्यात करने के उपाय करने की आवश्यकता है।
कंटेनर उपलब्ध कराने की मांग
केंद्र सरकार द्वारा प्याज निर्यातकों के लिए पूर्व में लागू की गई 10 प्रतिशत प्याज निर्यात प्रोत्साहन योजना 11 जून 2019 से बंद कर दी गई है, जिसे फिर से शुरू किए जाने की आवश्यकता है। यदि घरेलू या विदेश में प्याज भेजने वाले खरीदारों को परिवहन में सब्सिडी दी गई तो इससे प्याज ज्यादा मात्रा में भेजी जाएगी। इससे व्यापारी प्याज निर्यात करने के लिए आगे आएंगे। विदेश में प्याज भेजने के लिए ज्यादा कंटेनर उपलब्ध नहीं हैं। इससे निर्यात में बाधा आती है, इसलिए तत्काल कंटेनर उपलब्ध कराने की मांग भी भुजबल ने मुख्यमंत्री तथा उपमुख्यमंत्री से की है।