प्याज और अंगूर की गिरती कीमतों से नाराज चांदवड तहसील के किसान, कांग्रेस ने दी आंदोलन की चेतावनी

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    चांदवड : प्याज (Onion), अंगूर (Grapes) की फसल के दाम गिरने से उत्पादन लागत भी नहीं निकल पा रही है। लगातार दाम गिरने से किसानों (Farmers) का आक्रोश दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है। केंद्र (Central) और राज्य सरकार (State Government) को प्याज और अंगूर की फसल का गारंटी मूल्य देना चाहिए, कम कीमत पर बिकने वाले प्याज पर 1000 हजार रुपये प्रति क्विंटल की सब्सिडी देनी चाहिए, साथ ही जिन किसानों को नुकसान हुआ है, उन्हें तत्काल मुआवजा देना चाहिए। इस सभी मांगों को लेकर चांदवड तहसील कांग्रेस की ओर से आंदोलन किया गया। आंदोलन में शामिल पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने तहसीलदार प्रदीप पाटिल को दी चेतावनी दी कि अगर शीघ्र इस बारे में केंद्र और राज्य सरकार की ओर से ठोस कदम नहीं उठाए गए तो इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस (Congress) की ओर से आंदोलन (Movement) किया जाएगा। 

    इस मुद्दे को लेकर पूर्व विधायक शिरीष कुमार कोतवाल के नेतृत्व में तहसील कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की बैठक हुई, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। इस बैठक में प्याज, अंगूर की फसल की गिरती कीमतों, बढ़ी हुई महंगाई पर व्यापक चर्चा हुई। 

    सरकार तमाशबीन की भूमिका निभा रही है

    वर्तमान में, प्याज और अंगूर की फसलों की लागत अधिक होने और उनसे होने वाली आय कम होने के कारण किसान भारी वित्तीय संकट में हैं, ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारों को किसानों की मदद के लिए कदम उठाने की जरूरत है, लेकिन सरकार तमाशबीन की भूमिका निभा रही है। वर्तमान में बाजार में प्याज 400 से 600 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है, इससे किसानों के आंखों में आंसू आ गए हैं। 

    राज्य सरकार ने किसानों को एक रुपये की भी आर्थिक सहायता नहीं की

    पूर्व विधायक शिरीष कुमार कोतवाल ने आरोप लगाया कि किसानों के हित में कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले सितंबर, अक्टूबर में हुई तेज बारिश में काफी नुकसान हुआ है। नुकसान के बारे में सरकारी स्तर पर भी जानकारी दी जा चुका है, लेकिन अभी तक राज्य सरकार ने किसानों को एक रुपये की भी आर्थिक सहायता नहीं की है। पूर्व विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सिर्फ बातें करते हैं, लेकिन हकीकत में किसानों को हवा में छोड़ दिया गया है। इस मौके पर पूर्व विधायक कोतवाल ने कहा कि किसानों के न्याय अधिकार के लिए भले ही सड़कों पर उतरने का समय आ जाए, लेकिन पीछे मुड़कर नहीं देखेंगे।