प्याज से अधिक महंगी रद्दी को 22 रुपए तो प्याज को 11 रुपए मिल रहा है दाम

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    नाशिक : कोरोना महामारी से दो साल बर्बाद हुए, जिसका किसानों (Farmers) को बड़े तौर पर नुकसान हुआ। अच्छे दिन आएंगे इसलिए प्याज (Onion) की फसल की। परंतु शुरुआत से ही शुरू हुई समस्या आज भी कायम है। रद्दी (Junk) के दाम 20 से 22 रुपए किलो है तो प्याज के दाम (Price) 10 से 11 रुपए किलो है। इसके चलते प्याज से अधिक रद्दी अधिक दामों में बिक रही है, जो अपने आप में एक बड़ी बात है। दर्जात्मक और निर्यातक्षम प्याज मंडी में नहीं आ रहा है। साथ ही ऐसे प्याज को मांग भी नहीं है। ऐसी जानकारी व्यापारी दे रहे है। परंतु निर्यात केवल एक-दो देश में ही हो रही है। अन्य देशों ने मांग न करने से मंडी में लाया गया प्याज समय पर नहीं बिक रहा है। बारिश के चलते हवा की आद्रता बढ़ने से प्याज सड़क रहा है। इसके चलते किसानों का बड़े तौर पर नुकसान हो रहा है। दो पैसे अधिक मिलेंगे इस आस पर प्याज उत्पादक किसानों ने प्याज का भंडारण किया था। आज रद्दी का दाम 20 से 22 रुपए किलो तो प्याज को 10 से 11 रुपए किलो बिक रहा है। किसानों की ओर राज्य के साथ केंद्र सरकार ध्यान नहीं दे रहा है, ऐसा आरोप किसान कर रहे है। अप्रैल में निकाला गया प्याज 6-7 महीने  के बाद भी चाल में ही है। बारिश के चलते वह सड़ रहा है। फिर भी अधिक दाम मिलने की आस पर प्याज को चाल में ही रखा गया है। प्याज कटाई के समय तेज गर्मी होने से प्याज जमीन में ही सड़ गया। प्याज सब्जी सूखने से प्याज सही तरह से नहीं पका। आकार कम होने से दिन ब दिन दाम कम मिल रहे है। 

    प्याज को बाजार ले जाने के बाद भी समय पर नीलामी नहीं होती

    इस साल प्याज लगाने से ही समस्या शुरू हुई। ठंड के समय में प्याज की फसल लगाई जाती है। प्याज जैसे-जैसे बड़ा होता है, वैसे-वैस तापमान में बढ़ोतरी होती है। प्याज कटाई के समय गर्मी तेज हो जाती है, जो प्याज के लिए लाभदायक है। परंतु, इस साल एकाएक ठंड और गर्म ऐसी स्थिति निर्माण होने से प्याज फसल का नुकसान हुआ। चाल में रखा गया प्याज 5 महीने तक अच्छा रहता है। प्याज मंडी में ले जाने के बाद भी समय पर नीलामी नहीं होती है। ऐसे में मंडी समिति बंद रखने से कई समस्याओं का किसानों को सामना करना पड़ा। वैश्विक मंडी में मांग के तहत निर्यात नीति सुनिश्चित की जा सकती है, लेकिन जानकारी न होने से केंद्र सरकार खुदा मंडी में प्याज के दाम न बढ़े इसलिए कम प्याज की निर्यात की जाती है। इससे किसानों को नुकसान होता है।  ऐसी जानकारी निर्यात क्षेत्र के व्यापारी दे रहे है। 

    क्या है स्थिति

    पाकिस्तान की ओर से आयात शुरू नहीं हुई। पाकिस्तान ने ईरान से प्याज आयात किया। प्याज कुछ हद तक खराब हुआ। निर्यात के लिए अच्छे प्याज की जरूरत। श्रीलंका में व्यापारियों के पैसे नहीं मिले। पाकिस्तान ने बड़े तौर पर प्याज की आयात की। 

    नाफेड का प्याज 15 से 16 सितंबर से मंडी समिति में आएगा। ढाई लाख में टन प्याज शेष है। 12 हजार 500 गाड़ी में प्याज है। 3 महीने में बिकने पर भी एक महीने में 4 हजार गाड़ी में रखा प्याज बिक सकता है। इसलिए प्याज के दाम बढ़ने की संभावना कम है। निर्यात के लिए आवश्यक प्याज अब किसानों के पास नहीं है।

    जितेंद्र शर्मा, प्याज व्यापारी