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नासिक: टैक्स (Tax) नहीं चुकाने के मामले में नासिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation ) ने एटीसी कंपनी समेत संबंधित टावरों के 60 मालिकों को नोटिस (Notice) जारी किया है। नासिक शहर और उपनगरों में विभिन्न मोबाइल कंपनियों (Mobile Companies) के लगभग 800 टावर खड़े हैं। इनमें से कई कंपनियों ने बिना अनुमति लिए टावर लगाए हैं। इसको लेकर कुछ वर्षों से संबंधित कंपनियों और महानगरपालिका के बीच विवाद चल रहा है। कई कंपनियों ने टैक्स चोरी भी की। इसको लेकर महानगरपालिका ने कुछ मोबाइल कंपनियों के टावर सील करने की भी कार्रवाई की थी।

कोर्ट में विवाद के बाद महानगरपालिका को बताया गया कि आवश्यक सेवा के तौर पर मोबाइल कंपनियों के टावरों को सील नहीं किया जा सकता है। इसके चलते महानगरपालिका को कार्रवाई वापस लेने पर मजबूर होना पड़ा था। इसके बाद महानगरपालिका ने नोटिस जारी कर टैक्स निर्धारण पर समझौता कर उचित कार्रवाई शुरू कर दी। इससे महानगरपालिका को कई मोबाइल कंपनियों द्वारा कर का भुगतान किया जाने लगा, जिससे महानगरपालिका की आय बढ़ गई है।

पिछले वर्ष नासिक महानगरपालिका को मिला था इतना राजस्व

पिछले वित्तीय वर्ष में नासिक महानगरपालिका को मोबाइल टावरों से करीब 4.5 से 5 करोड़ रुपए का राजस्व मिला था। पर्यावरणविदों और पक्षी प्रेमियों ने मोबाइल टावरों से मानव और पशुओं के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले विकिरण के हानिकारक प्रभावों के कारण मोबाइल टावरों का विरोध किया है। इसी को लेकर पिछले कुछ दिनों से विवाद चल रहा था। इसी तरह कई बड़ी इमारतों पर टावर लगाने और उसकी ठीक से देखभाल न होने से जान-माल के नुकसान की आशंका रहती है। इसके चलते महानगरपालिका प्रशासन ने संबंधित कंपनियों को स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने के निर्देश दिए थे।

एटीसी के शहर में 60 टावर 

अब महानगरपालिका ने टैक्स जमा नहीं करने वाली और टैक्स को लेकर एग्रीमेंट नहीं करने वाली कंपनियों को नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और इसी के तहत टैक्स विभाग ने एटीसी कंपनियों को नोटिस जारी किया है। इस कंपनी के नासिक शहर में करीब 50 से 60 मोबाइल टावर हैं।

इमारत मालिकों को भी होगी परेशानी 

जिस संपत्ति पर टावर खड़े हैं। ऐसी इमारतों के मालिकों को महानगरपालिका द्वारा नोटिस जारी किया जाएगा क्योंकि संबंधितों ने टावर होने की सूचना महानगरपालिका को नहीं दी है। इससे अब कंपनियों के साथ इमारत मालिकों को भी परेशानी होगी।