alfunction in both the doors of Eklahare Dam, cost of 1 crore to fix
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    नाशिक : बिजली निर्माण केंद्र (Power Generation Center) का दरवाजा (Door) पिछले 6 महीने से खराब है। महानिर्मिती केंद्र प्रशासन को इसे ठीक कराने का वक्त नहीं मिला है। एकलहरे बिजली निर्मिती केंद्र के लिए 35 वर्ष पूर्व एकलहरे, ओढा, शिलापुर के मुख्य क्षेत्र में गोदावरी नदी (Godavari River) पर बांध बनाया गया था। बिजली निर्माण के लिए पानी की आवश्यकता होती है। इसके लिए गंगापुर डैम (Gangapur Dam) से जल सिंचाई विभाग (Water Irrigation Department) से पानी की मांग करनी पड़ती है। एकलहरे बिजली केंद्र के लिए पानी का आरक्षण किया गया है। बिजली निर्मिती केंद्र के लिए पांच मशीन (Machine) थे इसलिए पानी की आवश्यकता अधिक होती थी।

    आज तक केवल दो मशीन से ही बिजली का निर्माण होने से पानी की मांग कम हो गई है। गोदावरी नदी के प्रदूषण में पिछले कुछ वर्षों से बढ़ोतरी हुई है। पानी की सफाई में काफी पैसे खर्च होते है। एकलहरे बांध के दो दरवाजे है और वह ऑटोमेटिक है। पहली बार इस बांध के लिए हाइड्रोलिक दरवाजे का प्रयोग किया गया। इस बांध के दरवाजे को खोलने के लिए दरवाजे के अगले हिस्से में बिजली पंप की मदद से पानी भरा जाता है और बंद करने के लिए पानी निकाला जाता है। लेकिन छह महीने पहले खोले गए दरवाजे बंद होने का नाम नहीं ले रहे है।

    इसे लेकर बिजली प्रशासन अधिक सतर्क हो गई है। बांध के पानी का स्टॉक बेहद कम है। आवश्यकता के अनुसार बिजली निर्मिती केंद्र को सप्लाई की जा रही है। लेकिन भविष्य के निर्मिती के लिए बांध के दरवाजे फिर से पहले की तरह पूववर्त होना जरूरी है। दरवाजे के नीचे कीचड़ जमने से दरवाजे खराब हो गए है। तकनीकी जानकारों की माने तो इसे ठीक करने में 1 करोड़ का खर्च आएगा।