नासिक : नासिक को अपने इतिहास, संस्कृति, धार्मिक पर्यटन (Religious Tourism) और पर्यावरण (Environment) के कारण बहुत महत्व (Importance) प्राप्त है, ऐसी बात संभाजी राजे (Sambhaji Raje) ने कही। नासिक -त्र्यंबकेश्वर रोड स्थित ग्रेप काउंटिंग होटल में संभाजी राजे छत्रपति के जन्मदिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर संभाजी राजे बोल रहे थे। कार्यक्रम में नासिक से साहित्य-कला, संस्कृति, चिकित्सा, शिक्षा, सहकारिता, राजनीति, अर्थव्यवस्था, सामाजिक कारण, कृषि उद्योग से जुड़े विभिन्न विशेषज्ञों ने महाराष्ट्र की दशा और दिशा पर मंथन किया। इस मौके पर डॉ. अतुल वडगांवकर ने कहा कि भविष्य में प्रकृति को देखने के लिए हमें संघर्ष करना होगा।
उन्होंने कहा कि मनुष्य को जानने के लिए वृक्षों को काटना पड़ता है, इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। कार्यक्रम में पूर्व महापौर प्रकाश माटे ने कहा कि शिक्षा, रोजगार और कृषि पर गंभीरता से ध्यान दिया जाना चाहिए। माटे ने कहा कि राजनीति में युवाओं को निस्वार्थ भाव से आना चाहिए। कार्यक्रम में मनोचिकित्सक डॉ. शैलेंद्र गायकवाड़ ने कहा कि ऑनलाइन के माध्यम से जुआ खेला जा रहा है। उन्होंने ने कहा कि अच्छे परिवारों के लोग इसका शिकार हो रहे हैं और करोड़ों रुपये गंवा रहे हैं। कृषि वैज्ञानिक सुरेश कलमकर ने भी इस मौके पर अपने विचार व्यक्त किए।
नासिक के असिस्टेंट चैरिटी कमिश्नर रामानंद लिप्टे ने इस मौके पर कहा कि सरकार को गढ़ किले की सुरक्षा के लिए एनजीओ से सहयोग करने की गुहार लगानी चाहिए। कार्यक्रम में रवींद्र सपकाल, मयूर शाहणे, डॉ. भास्कर ढोके, डॉ. शंकर बोरहाड़े, जयप्रकाश जातेगांवकर, राजू देसले, किरण चव्हाण, रमेश पडवल, किरण लोखंडे, जयप्रकाश पवार, संपत देवगिरे समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
कार्यक्रम में डॉ. राहुल रनालकर ने कहा कि नासिक के लिए कई अवसर हैं। करियर के अवसर सृजित किए जाने चाहिए। अगर कोई उद्योग नासिक में आया तो नासिक के लोगों को मुंबई या पुणे जाने की जरूरत नहीं है। – डॉ. राहुल रनालकर, नासिक।