A newly born baby born from rented womb is unable to get sugar due to corona
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    मालेगांव : शहर के सरकारी अस्पताल (Government Hospital) में उपचार के लिए दाखिल हुई महिला पर सही उपचार (Treatment) न करने से महिला के नवजात शिशु (New Born Baby) की मौत (Death) होने की घटना सामने आई है। अस्पताल के बालरोग विशेषज्ञ महिला डॉक्टर हाजिर न होने से मौजूद कर्मचारियां ने प्रसूती के दौरान लापरवाही करने से ही नवजात शिशु की मौत होने का आरोप महिला के रिश्तेदारों ने किया। इस प्रकरण की विस्तृत जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग बारा बलुतेदार मित्र मंडल के संस्थापक अध्यक्ष बंडू बच्छाव ने की। 

    तहसील के दाभाडी गांव के पास बेलगाव बस्ती की गर्भवती महिला प्रियंका उद्धव जाधव को उनकी बहन आशा वर्कर पूजा जाधव ने प्रसूती के लिए मालेगांव के सरकारी अस्पताल में दाखिल कराया। प्रियंका के नवजात शिशु की स्थिति सुदृढ होने की बात पहले के रिपोर्ट से स्पष्ट हुई। बच्चे का वजन ध्यान में लेते हुए सीजर प्रसूती होने की संभावना होने की जानकारी सरकारी अस्पताल के कर्मचारियों को पीड़ित परिवार ने दी। स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. चाफलकर अस्पताल में मौजूद नहीं थी। ऐसे में मौजूद कर्मचारियों ने प्रियंका को प्रसूतीगृह में ले जाते हुए लापरवाही से उपचार करने से अधिक मात्रा में खून बहा। रक्तदाब भी बढ़ गया। दरमियान बच्चे का सिर बाहर आने से कर्मचारियों ने प्रियंका को निजी अस्पताल में ले जाने की बात परिवार से की। इसके बाद रिश्तेदार संतप्त हुए। निजी अस्पताल जाने के लिए रुग्णवाहिका भी उपलब्ध नहीं कराई गई। 

    दोषियों की विस्तृत जांच कर सख्त कार्रवाई करने की मांग 

    जैसे तैसे मां और बच्चे की जान बचाने के लिए महिला को निजी अस्पताल में दाखिल किया गया, लेकिन बच्चे की मौत हो गई, लेकिन महिला की जान बची। घटना की जानकारी मिलते ही बारा बलुतेदार मित्र मंडल के संस्थापक अध्यक्ष बंडू बच्छाव सरकारी अस्पताल पहुंचकर प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए सवाल पूछे। साथ ही दोषियों की विस्तृत जांच कर सख्त कार्रवाई करने की मांग की। इस प्रकरण की जांच करने के लिए अस्पताल प्रशासन ने जांच समिति गठित करने की जानकारी डॉ. विशाल पाटिल ने दी।