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नासिक : बाजार में आने वाली नकली और अप्रमाणित दवाओं (Drugs) की बिक्री को तुरंत रोकने के लिए खाद्य और औषधि प्रशासन (Food and Drug Administration) द्वारा एक पोर्टल (Portal) बनाया जा रहा है।  यह पोर्टल राज्य के सभी दवा निर्माताओं और वितरकों से जुड़ा होगा, इसलिए नकली और अप्रमाणित दवाओं की बिक्री पर रोक लगेगी। किसी दवा के नकली या घटिया घोषित होने के बाद उसके उपयोग को रोकने और उसके स्टॉक को बाजार से वापस लेने के लिए प्रशासन द्वारा प्रक्रियाएँ तैयार की गई हैं। इस प्रक्रिया में दवा के प्रयोग को रोककर शेष स्टॉक को बाजार से वापस लिया जा सकता है। 

वर्तमान में दवा बिक्री के लिए निर्माता द्वारा निर्मित दवाओं की बिक्री पर कोई भौगोलिक प्रतिबंध नहीं है। इसलिए राज्य और पर राज्यों के विनिर्माताओं की विभिन्न प्रकार की दवाएं राज्य और पर राज्यों के बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। ऐसे उत्पाद महाराष्ट्र और देश के कोने-कोने में पहुंचते हैं। 

जब कोई रोगी किसी दवा से पीड़ित होता है या मर जाता है, तो दवा का उपयोग तुरंत बंद कर देना चाहिए और इसे बाजार से वापस ले लेना चाहिए। इस स्थिति में प्रशासन के पास उपलब्ध जनशक्ति और कार्य क्षेत्र के कारण आपात स्थिति में प्रभावी संचालन करने की सीमाएँ हैं। यदि इसके लिए तकनीक का सहारा लिया जाए तो अच्छी तरह से योजना बनाना और रोगी और जनता को राहत पहुंचाना संभव होगा। 

वर्तमान प्रणाली में, घटिया दवाओं की परीक्षण रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद दवा के उपयोग को रोकने के लिए कार्रवाई करने के लिए वितरण श्रृंखला में प्रभावी संचार की कमी है, जिससे बाजार से स्टॉक निकालने में महत्वपूर्ण समय बर्बाद होता है। वैकल्पिक रूप से, दवा निर्धारित समय सीमा के भीतर वापस नहीं आती है जिससे अधिक जनहानि होने का खतरा होता है। इससे बचने के लिए दवा के उपयोग और वितरण प्रणाली में निर्माताओं, सुपर स्टॉकिस्टों, थोक विक्रेताओं, वितरकों, केमिस्टों को जानकारी देना आवश्यक है। इसके लिए सॉफ्टवेयर की जरूरत है, ताकि इस कंप्यूटर सिस्टम के इस्तेमाल से नकली अप्रमाणित दवाओं या किसी भी दवा के इस्तेमाल को तुरंत रोकने में कारगर साबित हो सके। 

अनिल परब ने सोमवार को राज्य में नकली और अप्रमाणित दवाओं को लेकर एक सवाल पूछा था। हमने इस पर तत्काल फैसला लिया है और अगर किसी दवा के स्टॉक को वापस मंगाना है या उसकी जानकारी लेनी है तो उसके निर्माता से लेकर अंतिम उपभोक्ता तक की जानकारी होना जरूरी है। उसके लिए हमने तुरंत एक पोर्टल बनाने का फैसला किया है।

- संजय राठोड, अन्न और औषध प्रशासन मंत्री।