Property Tax

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    नासिक : शहर के विभिन्न कर विभाग (Department) पर करीब 10 करोड़ रुपए का संपत्ति कर (Property Tax) बकाया होने के कारण शहर के 31 सरकारी कार्यालयों (Government Offices) को अर्ध सरकारी पत्र भेजकर चेतावनी दी जाएगी कि क्यों न उनके खिलाफ कार्रवाई (Action) की जाए। चालू वित्त वर्ष में नासिक महानगरपालिका प्रशासन (Nashik Municipal Administration) की ओर से करीब 2279 करोड़ रुपए का बजट (Budget) स्वीकृत किया गया था। 

    आय में करीब 430 करोड़ रुपए का घाटा देखने को मिल रहा है। सरकार से नियमित रूप से प्राप्त जीएसटी सब्सिडी नगर नियोजन विभाग की ओर से करीब छह सौ करोड़ रुपए का घाटा देखा जा रहा है, जबकि उचित आय के साथ संपत्ति कर का लक्ष्य 175 करोड़ रुपए था, जिनमें से अब तक केवल 139 करोड़ रुपए की ही वसूली हो पाई है। पानी वसूली का लक्ष्य 75 करोड़ रुपए रखा गया है, जिनमें से 39 करोड़ रुपए रिकवर कर लिए गए हैं। मार्च समाप्त होने के मद्देनजर रिकवरी लक्ष्य को हासिल करना महत्वपूर्ण है, इसलिए विभिन्न कर विभागों ने 76 हजार डिफाल्टरों को नोटिस जारी किया गया है। 

    नासिक महानगरपालिका के पास सरकारी कार्यालयों को जब्त करने का अधिकार है

    सरकारी दफ्तरों को भी रडार पर ले लिया गया है। नासिक महानगरपालिका की सीमा में आने वाले 31 शासकीय कार्यालयों पर 9 करोड़ 92 लाख रुपए का संपत्ति कर बकाया है। अत: ऐसे कार्यालयों को अर्द्धशासकीय पत्र भेजने का निर्णय लिया गया है। सरकारी दफ्तरों को सीधी कार्रवाई के निर्देश नहीं दिए जा सकते, हालांकि नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करना जरूरी होने के कारण अर्द्धशासकीय पत्र भेजे जाएंगे। यदि उसके बाद भी देय राशि का भुगतान नहीं किया गया है तो कार्रवाई भी की जा सकती है, क्योंकि नासिक महानगरपालिका के पास सरकारी कार्यालयों को जब्त करने का अधिकार है। 

    विभागवार बकाया धनराशि 

    1. रिश्वत विभाग – 1.88 करोड़
    2. राजकीय पुस्तकालय – 76.78 लाख
    3. नगर सर्वेक्षण अधिकारी – 13.95 लाख
    4.  प्रभारी चिकित्सा अधिकारी – 31.60लाख
    5. श्रम कल्याण मंडल – 27.74 लाख
    6. अखिल भारतीय स्थानीय स्वशासन – 65.71 लाख  
    7. ग्रामीण विकास परियोजना निदेशक – 56.81 लाख,
    8. रेलवे मंडल वाणिज्यिक प्रबंधक – 26.99 लाख
    9. भूमि लेखा विभाग – 42.65 लाख
    10. नगर नियोजन सहायक निदेशक विभाग – 7.57 लाख
    11. यूनाइटेड कमर्शियल बैंक – 1 करोड़ 79 लाख
    12. श्रमिक शिक्षा केंद्र – 1.64 लाख
    13. डाक विभाग – 2.23 लाख