
कलवण. स्थानीय तहसील के मोहबारी (Mohbari) में पिछले तीन से चार सालों से पानी की आपूर्ति (Water Supply) सही तरह से नहीं हो रही है। गांव की महिलाओं को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। आदिवासी महिलाएं गांव के बाहर खेत में बने कुएं (Well) से पानी लाने को मजबूर हैं। वर्तमान समय में पीने के लिए पानी के लिए टैंकर (Tanker) से जलापूर्ति की जा रही है। आज पूरा देश कोरोना संक्रमण से परेशान है। वहीं जरूरतमंद नागरिकों पर भूखे पेट रहने की नौबत आ गई हैं।
एक ओर कोरोना संक्रमण का कहर तो दूसरी ओर मार्च माह में गर्मी का प्रकोप बढ़ने से मोहबारी में पानी की किल्लत है। बोअर वेल, कुएं, नाले, छोटे बांध पूरी तरह से सूख चुके हैं। मोहबारी में पैसे निकालकर दिन में एक बार पीने के पानी का टैंकर आ रहा है। इससे कुछ परिवार की प्याज बुझ रही है, लेकिन अधिकतर नागरिक पानी के लिए भटक रहे हैं।
अनुमति की प्रतीक्षा में नई योजना
तीन-चार सालों से गांव की महिलाएं जल किल्लत से बेहाल हो गई है। जब आदमी की ऐसी स्थिति है तो पशुओं की स्थिति का अंदाजा आप लगा सकते हैं। पानी की किल्लत को लेकर कई बार ग्राम पंचायत, पंचायत समिति में आवाज बुलंद की गई। आश्वासन दिया गया, लेकिन पानी नहीं मिला। पानी के संकट से उबरने के लिए नई योजना प्रस्तावित है, जो अनुमति की प्रतिक्षा में है। आज की स्थिति में बोअर वेल या किसानों के कुंओं को अधिग्रहित कर गांव को जलापूर्ति करने का आश्वासन ग्रामसेवक आर.एस. जाधव ने दिया, जो पूरा होता है या नहीं इस ओर सभी की निगाहें लगी हुई है।