मुंबई. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक आशीष शेलार ने बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र विधानसभा में कहा कि उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे की धमकियों के पीछे किसी भी भाजपा सदस्य ने शरद पवार पर आरोप नहीं लगाया है। पूर्व में जरांगे ने यह दावा किया था कि उनकी जान को खतरा है और उपमुख्यमंत्री उन्हें मारना चाहते हैं। यह मुद्दा सदन में तब चर्चा में आया जब विपक्ष के नेता विजय वड्डेटिवार ने कहा कि बिना सूचना दिए किसी का नाम लेना नियमों के खिलाफ है। वह उन टिप्पणियों का हवाला दे रहे थे जो इस सप्ताह के शुरूआत में जरांगे के विवादास्पद बयानों से उपजे राजनीतिक विवाद पर निचले सदन में की गई थीं।
मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सरकार को जरांगे द्वारा फडणवीस पर लगाए गए आरोपों की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करने का निर्देश दिया था। मराठा कार्यकर्ता जरांगे ने यह आरोप लगाया था कि फडणवीस उन्हें मारने की कोशिश कर रहे हैं।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के संस्थापक और फिलहाल पार्टी के एक धड़े की कमान संभाल रहे शरद पवार ने भाजपा के आरोपों को बचकाना करार दिया था जिनमें कहा गया था कि जरांगे के विवादित बयानों के पीछ पवार की मिलीभगत है। बृहस्पतिवार को विधानसभा में वड्डेटिवार ने पवार के खिलाफ की गई टिप्पणियों को सदन की कार्यवाही से हटाए जाने की मांग की और कहा कि वह किसी भी समुदाय या व्यक्ति के खिलाफ टिप्पणी किए जाने के विरोधी हैं।
उन्होंने कहा, “सदन में शरद पवार का नाम लिया गया और बिना नोटिस दिए सूचना के सवाल पर सदन में अपनी बात रखते हुए ऐसा करना नियम पुस्तिका के खिलाफ है।” शेलार ने कहा, ‘एक वीडियो सामने आया है जिसमें यह कहा गया है कि हम एक समुदाय और देवेंद्र फडणवीस को तीन मिनट में खत्म कर देंगे। इसके बाद युवा सेना के एक कार्यकर्ता ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई और इसमें योगेश सावंत का नाम लिया जो एनसीपी (शरदचंद्र पवार) पार्टी के पदाधिकारी हैं। साथ ही सावंत ने भी यह स्वीकार किया कि वह शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी से जुड़े हुए हैं।”
भाजपा विधायक ने आगे कहा कि किसी ने भी शरद पवार का नाम नहीं लिया, लेकिन एनसीपी (शरदचंद्र पवार) पार्टी का नाम लिया है। उन्होंने यह भी पूछा कि रोहित पवार (शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी के विधायक) ने खुद एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को फोन किया। उसने ऐसा क्यों किया? वह इससे कैसे जुड़ा है?”
शेलार ने कहा कि भाजपा ने पूरे आंदोलन में जरांगे का समर्थन किया लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि यह आंदोलन राजनीतिक हो गया है। इसके बाद सदन के पीठासीन अधिकारी ने सरकार को गहन जांच करने और आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया जिस पर मंत्री शंभूराज देसाई ने कहा कि उचित कदम उठाए जा रहे हैं। (एजेंसी)