Workers not coming to work at the original place

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    पुणे. महामारी कोरोना (Coronavirus) की दूसरी लहर में लागू किये गए लॉकडाउन (Lockdown) में अनुमान लगाया जा रहा था कि आय में कमी आएगी। हालांकि पुणे मनपा (PMC) को लॉकडाउन के इन तीन महीनों के दौरान 1755 करोड़ रुपये की आय मिली है। इससे मनपा के हौसले बुलंद हैं और आय बढ़ाने के प्रयासों से इस वर्ष 6100 करोड़ रुपये आय का लक्ष्य निश्चित किया है।

    पुणे मनपा की राजस्व समिति की बैठक में इसकी समीक्षा की गई। कोरोना के प्रकोप से मनपा को इस साल 5600 करोड़ रुपये की आय होगी, जिसमें से 4300 करोड़ रुपये वेतन और रखरखाव पर खर्च किए जाएंगे। कुछ दिन पहले आयुक्त विक्रम कुमार ने कहा था कि विकास कार्यों के लिए केवल 1300 करोड़ रुपये दिए जाएंगे, जिसके लिए महत्वपूर्ण कार्यों को प्राथमिकता दी जाए। इस पर नगरसेवकों ने कड़ी नाराजगी जताई थी।

    मनपा की आय की समीक्षा से पता चला कि अप्रैल, मई और जून के तीन महीनों में मनपा के खजाने में 1755 करोड़ रुपये जमा हुए। इसमें संपत्ति कर विभाग की अहम भूमिका रही है और उसे 846 करोड़ रुपये मिले हैं। स्थानीय निकाय कर से 573 करोड़ रुपये मिले हैं। दूसरी लहर में लॉकडाउन की घोषणा के बाद निर्माण फिर से शुरू किया गया, जिसका लाभ मनपा को भी मिला, जिसे निर्माण शुल्क से 278 करोड़ रुपये मिले हैं।

    विभागवार आय के आंकड़ों पर गौर करें तो पुणे मनपा को स्थानीय स्वायत्त संस्था कर से 574 करोड़ प्रॉपर्टी टैक्स से 846 करोड़, निर्माण शुल्क से 278, जलापूर्ति विभाग से 19 करोड़, संपत्ति प्रबंधन से 17 करोड़, लाइसेंस और स्काईमार्क से 1 करोड़, पथ खंड विभाग से 4 करोड़, दमकल विभाग से 14 करोड़ रुपए की आय मिली हैं। इस बारे में स्थायी समिति सभापति हेमंत रासने ने कहा, कोरोना की दूसरी लहर के संकट के बावजूद मनपा ने अप्रैल, मई और जून में 1,755 करोड़ रुपये की कमाई की है। ये बहुत अच्छे संकेत हैं। यह विकास कार्यों के लिए अतिरिक्त धन भी उपलब्ध कराएगा। अतिरिक्त कमिश्नर रूबल अग्रवाल ने कहा कि, ‘कोरोना काल में मनपा प्रशासन द्वारा किए गए प्रयासों का अच्छा फल मिला है। हालांकि पहले तीन महीने में 1755 करोड़ रुपये मिले, लेकिन इस साल 6100 करोड़ रुपये जुटाने का प्रयास किया जाएगा।