Maharashtra deputy CM and NCP leader Ajit Pawar tests positive for Covid-19

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    पिंपरी: बीजेपी, शिवसेना और ‘शिंदे सेना’ के मंत्री और नेताओं के बाद गुरुवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार पिंपरी चिंचवड़ शहर में गणेश मंडलों से मेल मिलाप करने पहुंचे। आगामी महानगरपालिका चुनाव की पृष्ठभूमि पर शहर का दौरा करने की चर्चा पर पवार ने स्पष्ट किया कि चुनाव कब होंगे? यह आज कोई नहीं बता सकता। चुनाव को ध्यान में रखकर कुछ करने-धरनेवालों में मैं नहीं हूं। बीजेपी के ‘मिशन बारामती’ पर तंज कसते हुए अजीत पवार ने कहा कि अब मैं बीजेपी और बावनकुले से ही मिलकर महाराष्ट्र में अपने लिए और अपनी बहन सुप्रिया सुले के लिए सुरक्षित चुनाव क्षेत्र ढूंढने के लिए कहूंगा।

    अपने दौरे में कालेवाड़ी में संवाददाताओं के साथ की गई बातचीत में अजीत पवार ने बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले पर निशाना साधते हुए कहा कि उनको उनकी अपनी पार्टी टिकट नहीं देती, उनकी पत्नी को दिया हुआ टिकट भी पुनः वापस ले लेती है। ऐसी उनकी हालत और विश्वसनीयता है और वो बारामती में आकर कुछ भी कह रहे हैं। अब जब उनके हिसाब से हम बारामती में हार रहे हैं तब उनसे ही मिलकर पूछूंगा कि महाराष्ट्र में मेरे और मेरी बहन सुप्रिया के लिए कोई सुरक्षित यानी जहां हम जीत सकते हैं ऐसा चुनाव क्षेत्र मिलता है तो देखें। 

    सरकार पर खतरे की लटकती तलवार कायम

    राज्य सरकार पर खतरे की तलवार लटकने की बात भी पवार ने एक सवाल के जवाब में कही। उन्होंने कहा कि अभी तक यह सरकार स्थिर नहीं हो सकी है। कोर्ट तारीख पर तारीख दे रहा है। कल को क्या फैसला सुनाएगा, कुछ कहा नहीं जा सकता। ऐसे में वो चाहे कितना भी दिखावा कर लें, सरकार पर खतरे की लटकती तलवार कायम है। 

    किसानों के साथ खड़ी रहे सरकार

    गणपति बप्पा से क्या आर्शीवाद मांगेंगे, इस सवाल के जवाब में अजीत पवार ने कहा कि मैंने कभी ऐसा कुछ नहीं किया। जब भी किसी स्थान के प्रति श्रद्धा, भक्ति होती है तो हम वहां जाकर नतमस्तक होते हैं। उस समय हर कोई वहां जाकर मन्नत या आर्शीवाद मांगना ही चाहिए ऐसा नहीं है। यह पर्व प्रतिवर्ष हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। पहले कुछ सीमाएं थी, लेकिन अब सभी ने नए जोश और उत्साह के साथ गणेशोत्सव में भाग लिया है। बारिश भी संतोषजनक रही है। मगर, बारिश ने महाराष्ट्र के किसानों को भी नुकसान पहुंचाया हैं।  कोंकण समेत कुछ इलाकों में भारी बारिश हुई है। जो लोग प्राकृतिक आपदाओं के कारण संकट में हैं उन्हें बचाया जाना चाहिए। वे मदद चाहते हैं, सरकार को किसानों के साथ खड़ी होना चाहिए।