Aquarium

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    पिंपरी: पिंपरी-चिंचवड़ (Pimpri-Chinchwad) के भोसरी पर्यटन केंद्र में मत्स्यालय (Aquarium) बनाने का फैसला करते हुए इसके पहले चरण में चार करोड़ 9 लाख रुपए का खर्च भी स्थायी समिति (Standing Committee) की बैठक में मंजूर किया गया। पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका कमिश्नर राजेश पाटील (Pimpri-Chinchwad Municipal Commissioner Rajesh Patil) ने इस बैठक में ऐन मौके पर इसका प्रस्ताव पेश किया था, जिसे स्थायी समिति ने मान्यता दी। इस बैठक की अध्यक्षता स्थायी समिति के सभापति एड. नितीन लांडगे ने की।

    इस बैठक में विभिन्न विकास कार्यों पर लगभग 27 करोड़ 23 लाख रुपए व्यय की स्वीकृति दी गई।  इसमें एक्वेरियम का निर्माण भी शामिल है। पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका का भोसरी में पर्यटन केंद्र है। इस केंद्र के तालाब में बहुत सारी मछलियां हैं। इस जगह पर एक नया एक्वेरियम विकसित किया जाएगा। 

    एक सलाहकार की भी हुई नियुक्ति

    एक्वेरियम को विकसित करने के लिए एक सलाहकार भी नियुक्त किया गया है। इस केंद्र में दस से बारह हजार वर्ग फुट के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर का एक्वेरियम स्थापित किया जाएगा। यह दावा किया गया है कि एक्वेरियम में हर दिन हजारों आगंतुक आएंगे, जिससे पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा और नई नौकरियां पैदा होंगी। इस पर लगभग 10 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है और स्थायी समिति ने पहले चरण में 4 करोड़ 9 लाख रुपए के खर्च को मंजूरी दे दी।

    प्लंबिंग लाइसेंस शुल्क में बढ़ोतरी

    पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका क्षेत्र में विकासकर्ताओं, बिल्डरों और निजी संपत्ति के मालिकों के जलापूर्ति और जल निकासी का काम लाइसेंस प्राप्त प्लंबर द्वारा किया जाता है। इसके लिए पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका द्वारा निजी प्लंबर को लाइसेंस दिया जाता है। लाइसेंसधारी प्लंबर से लाइसेंस शुल्क के रूप में पांच साल के लिए डेढ़ हजार रुपए लाइसेंस शुल्क लिया जाता है जो वित्तीय वर्ष 2001 से कायम है। 20 साल से इस फीस में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। स्थायी समिति ने नवीन प्लम्बर को लाइसेंस देने के लिए 3 वर्ष के लिए 5000 रुपए और नवीनीकरण के लिए 1000 रुपए प्रति वर्ष के शुल्क को मंजूरी दी।

    साढ़े 11 करोड़ का अतिरिक्त खर्च मंजूर

    केंद्र सरकार की अमृत योजना के तहत शहर के 60 फीसदी हिस्से में 24 घंटे जलापूर्ति की परियोजना चार टेंडर पैकेज में लागू की जा रही है। इस प्रोजेक्ट के तहत एक्वाडक्ट का प्रेशर बढ़ाने, पानी की ऊंची टंकी बनाने, नए पाइप जोड़ने और पानी के रिसाव को कम करने का काम किया जा रहा है। परियोजना की लागत विभिन्न कारणों से अनुमानित राशि से अधिक बढ़ती गई है। इनमें भौगोलिक परिस्थितियों में बदलाव, जलमार्गों में लीकेज, जलापूर्ति को लेकर बार-बार शिकायतें, विकास कार्यों के दौरान खुदाई के दौरान नहरों का टूटना, कार्यों की बढ़ी हुई दरें शामिल हैं। अतः इस व्यय पर निर्धारित राशि से 11 करोड़ 53 लाख रुपए अधिक व्यय होगा। स्थायी समिति ने भी वृद्धि को मंजूरी दी।