Pimpri-Chinchwad

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पिंपरी: पिंपरी-चिंचवड़ (Pimpri-Chinchwad) में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की बगावत से शहर बीजेपी में चिंता देखने को मिल रही हैं। अजित पवार (Ajit Pawar) के राज्य सरकार में शामिल होने के बाद महानगरपालिका (Municipal Elections) पर कब्जा करने वालों में बेचैनी बढ़ गई है। अब स्थानीय नेता सवाल पूछ रहे हैं कि महानगरपालिका चुनाव में किस मुंह से वोट मांगेगे।

पूर्व विधायक विलास लांडे को छोड़कर, पूर्व महापौर संजोग वाघेरे, पूर्व विपक्षी नेता विट्ठल उर्फ नाना काटे, पूर्व उप महापौर प्रभाकर वाघेरे, पूर्व नगरसेवक मोरेश्वर भोंडवे, भाऊसाहेब भोईर और अन्य नेताओं ने अजीत पवार से मुलाकात की और कहा कि हम आपके साथ हैं।

हवा का रूख भांपकर करेंगे फैसला

पूर्व विधायक विलास लांडे की केबिन में शरद पवार की तस्वीर है। लांडे ने कहा कि शरद पवार उनके भगवान हैं,  वह हमेशा उनके साथ रहेंगे, लेकिन एनसीपी में कई अन्य पदाधिकारी खुलकर कुछ नहीं बोल रहे। अपने फैसले को वे बयां नहीं कर रहे हैं। वे अभी वेट एंड वाच की भूमिका में है। कहा जा रहा है कि हवा का रुख किधर होगा, इसके आधार पर उनकी स्थिति बदलेगी। कई लोग जो पद पर नहीं हैं वे कह रहे हैं कि हम शरद पवार के साथ हैं। लेकिन, अपनी पार्टी के इच्छुकों को नगरसेवक बनाने का सपना देखने वालों ने अंदरुनी दरवाजे से अजीत पवार से रिश्ता बना रखा है। 

बीजेपी के पदाधिकारी भ्रमित हो गए हैं

दूसरी ओर, पिंपरी-चिंचवड़ में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता सक्रिय हो गए हैं, तो बीजेपी के पदाधिकारी भ्रमित हो गए हैं। अगर भविष्य में राज्य और शहर में कोई बदलाव होता है, तो भी इसका असर हमारे काम पर नहीं पड़ेगा, यह राय कुछ कार्यकर्ता व्यक्त कर रहे हैं।

महानगरपालिका की योजनाओं का विरोध जारी रखेगी एनसीपी!

एनसीपी ने बार-बार लैकवेल, भूमिगत फाइबर ऑप्टिक केबल, मशीन द्वारा सड़क की सफाई, संपत्ति भू-सर्वेक्षण आदि का विरोध किया है, जिन्हें बीजेपी की महत्वपूर्ण परियोजनाएं माना जाता है। तो अब सवाल उठ रहा है कि क्या इन परियोजनाओं का विरोध जारी रहेगा। पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका पर बीजेपी का कब्जा होने के बाद स्थानीय नेताओं ने सीधे तौर पर एनसीपी को घेरा था। पिछले पांच साल से इन नेताओं ने महानगरपालिका में सिर्फ अपना प्रभाव जमाने की कोशिश की है। कई मौकों पर उन्होंने सार्वजनिक रूप से सीधे तौर पर अजित पवार की आलोचना की। इन नेताओं ने महानगरपालिका में सत्ता काबिज करने के बाद पिछले दरवाजे से कई टेंडर हासिल कर लिए। इससे सैकड़ों करोड़ रुपए के काम पूरे किए गए, लेकिन अब अगर अजित पवार बीजेपी के सहयोगी बन गए हैं तो बीजेपी के स्थानीय नेता सोच रहे हैं कि पिंपरी-चिंचवड़ का नेता कौन होगा, इतने सालों की कोशिशों के बाद क्या हासिल होगा, क्या उनकी मेहनत बेकार जाएगी। साथ ही इस घटना से कुछ नेताओं का मंत्री बनने का सपना भी चकनाचूर हो गया है। इसलिए शहर के स्थानीय बीजेपी नेताओं में इस समय बेचैनी है।