पुणे: पुणे महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (पीएमआरडीए) की सीमा में करीब 93 गांवों (Villages) को गांवठन का दर्जा प्राप्त नहीं है। इस वजह से इन गांवों के निवासियों को डेवलपमेंट प्लान (Development Plan) का लाभ नहीं मिलने की बात स्पष्ट हो गई है। इसलिए इन गांवों को गांवठन का दर्जा देने की मांग पीएमआरडीए (PMRDA) ने जिला प्रशासन से की है।
करीब 800 से अधिक गांव वाले और 1638.21 स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्रफल का डेवलपमेंट प्लान पीएमआरडीए ने घोषित किया है। इस डेवलपमेंट प्लान में 18 नागरिक विकास केंद्र प्रस्तावित है। इसके लिए स्वतंत्र विकास योजनाओं का नक्शा तैयार किया गया है। इसके अलावा शेष ग्रामीण भागों में आठ ग्रामीण विकास केंद्र प्रस्तावित किए गए हैं।
विकास का दायरा सीमित
इन दोनों विकास केंद्रों के गांवों को छोड़कर 93 गांवों को गांवठन का दर्जा नहीं दिए जाने की जानकारी सामने आई है। ऐसे में इन गांवों में विकास का दायरा सीमित है। इन गांवों को विकास की दृष्टि से गांवठन का दर्जा देने की सम्बन्धी पत्र पीएमआरडीए के आयुक्त डॉ. सुहास दिवसे ने जिलाधिकारी को सौंपा है।
गांवों की आबादी के अनुसार गांवठान का दर्जा मिलने पर 200 से 500 मीटर परिसर में प्रीमियम शुल्क भरकर नागरिक निर्माण कार्य करा सकते है।
- डॉ. सुहास दिवसे, आयुक्त, पीएमआरडीए
किसी गांव को गांवठन का दर्जा देने का अधिकार जिला प्रशासन के पास है। आबादी के मापदंड पर यह दर्जा प्राप्त होता है। 93 गांवों के नागरिकों की तरफ से गांवठान का दर्जा देने की मांग की जा रही है। इस तरह का पत्र पीएमआरडीए ने जिलाधिकारी को सौंपा है। जिलाधिकारी ने तत्काल निर्णय लिया तो डेवलपमेंट प्लान में बदलाव कर उन गांवों के नागरिकों को न्याय दिया जाएगा।
- विशाल तांबे, योजना समिति सदस्य, पीएमआरडीए
भरेकरवाडी को गांवठन का दर्जा देने की मांग पिछले कई वर्षों से हम करते आ रहे है। अब हमारा गांव पीएमआरडीए की सीमा में आ गया है। गांवठन का दर्जा मिलने पर गांव के विकास के गति को बढ़ावा मिलेगा।
-स्थानिक निवासी, भरेकरवाडी