पिंपरी-चिंचवड़ में सियासी दलों की महानगरपालिका चुनाव पूर्व तैयारी जोरों में

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    पिंपरी: आगामी महानगरपालिका चुनाव (Municipal Elections) को लेकर पिंपरी-चिंचवड़ (Pimpri-Chinchwad) के सभी राजनीतिक दलों (Political Parties) के पदाधिकारियों ने तैयारी शुरू कर दी है। चुनाव के इच्छुक उम्मीदवारों ने वार्ड में मतदाताओं से संपर्क करना शुरू कर दिया है। इच्छुक उम्मीदवार वार्ड में सभी कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं और चुनाव की योजना बना रहे हैं। चुनाव को ध्यान में रखते हुए कई लोगों ने खुद विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करना शुरू कर दिया है।

    पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका चुनाव (Pimpri-Chinchwad Municipal Elections) भाजपा (BJP) की दृष्टि से प्रतिष्ठा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की दृष्टि से अस्तित्व का चुनाव साबित होगा। 2017 के आम चुनाव में भाजपा ने जीत हासिल की थी। भाजपा को सबसे ज्यादा 77 सीटें मिली थीं, जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को 36 सीटों पर संतोष करना पड़ा था।

    दलबदल का खेल होगा शुरु 

    आगामी महानगरपालिका चुनावों में कई राजनीतिक घटनाक्रम होने की संभावना है, जिसमें राजनीतिक दलों के प्रमुख पदाधिकारी स्थानांतरित होने की तैयारी कर रहे हैं। राजनीतिक दलों ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है और विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से इच्छुक उम्मीदवारों ने मतदाताओं तक पहुंचना शुरू कर दिया है।

    सोशल मीडिया पर प्रचार कर दिया है शुरु

    कई इच्छुक उम्मीदवारों ने सोशल मीडिया के माध्यम से खुद को भविष्य के नगरसेवक के रूप में प्रचारित करना शुरू कर दिया है, जो मतदाताओं के बीच चर्चा का विषय बन रहा है। इच्छुक उम्मीदवार अपने समर्थकों से निजी कार्यक्रमों में भविष्य के नगरसेवक के रूप में उनका उल्लेख करने का आग्रह कर रहे हैं, उनके ऐसे संदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस और भाजपा जैसे बड़े दलों ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है।

    गठबंधन को लेकर मतभेद

    चूंकि शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस राज्य की सत्ता में हैं, इसलिए सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि तीनों दल संयुक्त रूप से मनपा चुनाव लड़ेंगे या स्वतंत्र रूप से? चर्चा यह भी चल रही है कि तीनों दलों ने सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की अपनी योजना पूरी कर ली है। गठबंधन को लेकर राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों में मतभेद है। कुछ राजनीतिक दलों के प्रमुख उम्मीदवार निर्दलीय चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं।