Pune Bandh Updates

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    पुणे: राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Governor Bhagat Singh Koshyari) और अन्य राजनीतिक नेताओं द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा फुले, सावित्रीबाई फुले, कर्मवीर भाऊराव पाटिल, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के बारे में दिए गए अपमानजनक बयानों के विरोध में विभिन्न संगठनों और राजनीतिक दलों द्वारा बुलाए गए पुणे बंद (Pune Bandh) को पुणे शहर और परिसर में बेहतर प्रतिसाद मिला। शहर में आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी दुकानें व्यापारियों और व्यवसायियों ने बंद रखें। सड़कें भी सुनी नजर आईं। वाहन भी सड़कों पर कम नजर आए।

    महापुरुषों के बारे में विवादित बयान देने वाले राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को तुरंद बर्खास्त किया जाए, कोश्यारी महाराष्ट्र की जनता से माफी मांगे। भारतीय जनता पार्टी भी माफी मांगे और विवादित बयान देने वाले मंत्रियों पर तत्काल कार्रवाई करें, इन मांगो को लेकर पुणे बंद का ऐलान किया गया था। इस पुणे बंद को शहर के व्यापारियों और व्यावसायियो ने उत्सफुर्त प्रतिसाद दिया। 

    व्यवसायियों ने स्वेच्छा से दुकानें बंद रखीं

    शहर के सभी इलाकों में आवश्यक सेवाओं के अलावा सभी प्रकार की दुकाने बंद थी। इसलिए सड़कों पर सन्नाटा दिखाई दिया। शहर में इससे पहले भिडभाड वाले लक्ष्मी रोड, जंगली महाराज रोड, फर्ग्युसन कॉलेज रोड पर मंगलवार को शुकशुकाट दिखाई दिया। क्लीनिक, मेडिकल को छोडकर बाकी सभी दुकाने बंद थी। दिलचस्प बात यह है कि दुकानों को बंद रखने के लिए किसी भी संगठन या राजनीतिक दलों के पदाधिकारी या कार्यकर्ता सड़कों पर नहीं उतरे, बल्कि व्यवसायियों ने सुबह से स्वेच्छा से दुकानें बंद रखीं।

    मूक मोर्चा में शामिल हुए हजारों शिवप्रेमी

    पुणे बंद के दौरान विभिन्न संगठनों द्वारा मूक मोर्चा निकाला गया। इस मूक मौर्चा में सांसद छत्रपति उदयनराजे महाराज, शिवसेना उपनेता सुषमा अंधारे सहित कई पुणे शहर के कई राजनीतिक पार्टिंयों के पदाधिकारी शामिल हुए थे। मूक मोर्चा में हजारों की भीड़ शामिल हुई थी। मंगलवार सुबह 11 बजे डेक्कन जिमखाना में छत्रपति संभाजी महाराज की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर मुक मोर्चा की शुरुवात हुई। डेक्कन जिमखाना, अलका सिनेमा चौक, लक्ष्मी रोड से बेलबाग चौक से लालमहल पर मूक मोर्चा का समापन हुआ।

    नुपूर शर्मा की तरह हो राज्यपाल पर कार्रवाई: उदयनराजे भोसले

    मूक मोर्चा में शामिल सांसद छत्रपति उदयनराजे ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज पर 350 वर्षों के बाद भी सभी धर्मो के लोगों का प्यार कम नहीं हुआ हैं। उनके प्रति आज भी उतना ही आदर और प्रेम है, लेकिन कुछ विकृत लोग बिना किसी वजह के विवादित बयान देते हैं। पार्टी बाद में पहले शिवाजी महाराज हैं। विवादित बयान के मामले में नूपूर शर्मा पर जो कार्रवाई की गई, उसी तरह की कार्रवाई राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी पर ली जाए, ऐसी मांग सांसद उदयनराजे महाराज ने की।