प्रतीकात्मक तस्वीर
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    पुणे: पुणे शहर (Pune City) और परिसर की यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए महत्वपूर्ण रिंगरोड (Ring Road) के भूसंपादन के खर्च के लिए राज्य सरकार ने 1 हजार करोड़ रुपए को मंजूरी दे दी है। उपमुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister) और पालकमंत्री अजीत पवार (Guardian Minister Ajit Pawar) ने महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (MSRDC) को इस प्रावधान को मार्च तक खर्च करने का निर्देश दिया है।

    हाल ही में संपन्न विधान सभा अधिवेशन में पुणे (Pune) और पिंपरी-चिंचवड शहर (Pimpri-Chinchwad City) के रिंगरोड़ के लिए 1 हजार करोड़ रुपए के प्रावधान को मंजुरी दी गई। 

    पूर्व और पश्चिम में दो चरणों में होगा काम

    इस रिंग रोड का काम पूर्व और पश्चिम में दो चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में पश्चिमी हिस्से में खेड़ शिवपुर से उर्स (मावल) तक रिंग रोड का काम किया जाएगा। रिंग रोड मावल, मुलशी, हवेली, खेड़, पुरंदर और भेर तालुकों से होकर गुजरेगी। राज्य सरकार ने भूमि अधिग्रहण की जिम्मेदारी संबंधित प्रांतीय अधिकारियों को सौंप दी है। भूमि अधिग्रहण से जुड़े विवादों को निपटाने के लिए मंडलायुक्तों को मध्यस्थ नियुक्त किया गया है। प्रथम चरण में केलवड़े, कांजले, खोपी, कुसेगांव, रांजे, राहाटवड़े, कल्याण, घेरासिंहगढ़, खासगांव, मावल, वरदाडे, मालखेड़, सांवड़ी बुद्रुक, सांगरून, बहुली, कातवाडी, मारणेवाड़ी, आंबेगांव, उरावडे, कासार आंबोली, भरे, अंबाडवेट, घाटवाडे, रीहे, केससेवाड़ी, पिंपलोली, पाचने, चांदखेड़, बेम्बड ओहोले, धामणे, परंदवाड़ी, उर्स आदि गांवों में भूसंपादन किया  जाएगा। इस रिंग रोड़ की कुल लंबाई 172 किमी और चौड़ाई 110 मीटर है। इस सड़क के लिए करीब 2300 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। इस रिंगरोड़ को 14 हजार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।