मै एक कृषि समुदाय से संबंधित हु, इसलिए मैं समझता हूं कि नवाचार को चलाने के लिए और दुनिया भर के किसानों को सशक्त बनाने के लिए डिजिटल बुनियादी ढाँचा प्रदान करना कितना महत्वपूर्ण है।” - श्री संजय बोरकर सीईओ और सह-संस्थापक, FarmERP
पुणे. वर्तमान में देश कोरोना वैश्विक महामारी से लड़ रहा है। फिर भी देश में कोरोना के मामले पहले की तुलना में काफी तेजी से बढ़ रहे है। इस बिच लॉकडाउन में काफी ढील दी गई है। हालांकि पहले लॉकडाउन से ही किसानों को सभी प्रकार की छूट दी थी। लेकिन लॉकडाउन के चलते किसानों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस दौरान किसानों का बहुत नुकसान हुआ। इस बिच “कोविड-19 के पश्चात : कृषि क्षेत्र का भविष्य” इस विषय पर FarmERP के सीईओ & सह-संस्थापक श्री संजय बोरकर 18 जून को 3.30 बजे नवभारत वाइब्स के माध्यम से नवभारत के फेसबुक पेज पर चर्चा करने आ रहे है। श्री संजय जी इस वाइब्स में कृषि क्षेत्र का भविष्य, इसमें कौन से बदलाव होंगे, किसानों का ऑनलाइन पंजीकरण, कृषि में तकनीकी का उपयोग कैसे करें इन मुद्दों पर बात करेंगे। तो आइए विस्तार से जानते है श्री संजय बोरकर के बारे में।
श्री संजय बोरकर 2001 से कृषि का डिजिटलीकरण करने का कार्य कर रहे है। वह स्मार्ट ITC मंच और शोध के माध्यम से कृषि, बायोटेक्नोलाजी और खाद्य उद्योग को बदलने के लिए अपने मिशन में लगे हुए हैं। उन्होंने पुणे विश्वविद्यालय (भारत) से कंप्यूटर विज्ञान में इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की है। उनका स्थिरता, जलवायु लचीलापन, पता लगाने की क्षमता और खाद्य सुरक्षा क्षेत्रों पर प्रमुख रूप से ध्यान दे रहे है। क्योंकि ‘FarmERP’ संयुक्त राष्ट्र शून्य भूख और जलवायु परिवर्तन द्वारा प्रदान किए गए सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में काम करता है।
श्री संजय एक कृषि पृष्ठभूमि से आते हैं इसलिए वह किसान किस समस्याओं से गुजरता है इस बारे में अच्छी तरह जानते है। और यही कारण है कि, संगठन के संस्थापक कृषि क्षेत्र की सेवा करने के लिए बेहद उत्सुक हैं। श्री संजय बोरकर और श्री संतोष शिंदे ने एक विचार और एक अग्रणी दृष्टि के साथ इस प्रौद्योगिकी मंच को विकसित किया है। इसका कुशल कृषि प्रबंधन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है और समय, संसाधनों और धन के मामले में बड़े पैमाने पर बचत हो सकती है।
उनकी संस्था किसानों, अनुबंध कृषि कंपनियों, एफपीओ और एफपीसी, फंडिंग एजेंसियों, व्यापार निकायों, अनुसंधान और विकास एजेंसियों, वित्तीय संस्थानों, कॉरपोरेट और यहां तक कि सरकार की सेवा भी करती है। उन्हें उनकी उपलब्धि की अनुभूति तब होती है, जब किसान उन्हें बताते है कि कैसे इस सॉफ्टवेयर ने उनके जीवन को बदल दिया। इसके साथ ही किसानों के लिए यह सॉफ्टवेयर बहुत ही मूल्यवान है।