Shelar and Raut

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    नई दिल्ली. शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने रविवार को शिवसेना के नाम और चुनाव चिन्ह धनुष-बाण को खरीदने के लिए 2,000 करोड़ रूपये की डील का दावा किया है। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही इसका खिलासा करेंगे। राउत के इस बयान पर मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार ने पलटवार करते हुए उन्हें अपनी हद में रहने को कहा है।

    मति मारी गई है या पगला गए हैं

    शेलार ने कहा, “संजय राउत को सीमा के भीतर होना चाहिए। उन्होंने कभी कोई चुनाव नहीं जीता और न ही कोई लड़ाई लड़ी … जब कोई व्यक्ति (उद्धव ठाकरे) निराश या उदास होता है तो वह कुछ भी कहते हैं। उन्होंने राजनीति के लिए शिवसेना और हिंदुत्व के विचारों को त्याग दिया।” शेलार ने दावा किया कि ऐसी टिप्पणियां करने वालों की “या तो मति मारी गई है या पगला गए हैं।”

    शिंदे गुट को मिला शिवसेना का नाम और चिन्ह

    गौरतलब है कि शुक्रवार (17 फरवरी) को निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे धड़े को असली शिवसेना की मान्यता देते हुए उसे चुनाव निशान ‘धनुष बाण’ आवंटित करने का आदेश दिया। पार्टी संगठन पर काबिज होने को लेकर चले लंबे संघर्ष पर 78 पन्नों के अपने आदेश/फैसले में निर्वाचन आयोग ने उद्धव ठाकरे धड़े को उसे आवंटित किया गया चुनाव निशान ‘जलती मशाल’ महाराष्ट्र में विधानसभा उपचुनाव होने तक रखने की अनुमति दी।

    2000 करोड़ में खरीदा गया शिवसेना का नाम और चिन्ह

    राउत ने एक ट्वीट में दावा किया कि 2000 करोड़ रुपये शिवसेना का नाम “खरीदने” के लिए कोई छोटी रकम नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया, “निर्वाचन आयोग का फैसला एक सौदा है।” राउत ने ट्वीट किया, “मुझे पक्की सूचना मिली है कि शिवसेना का नाम एवं पहचान पाने के लिए 2000 करोड़ रुपये का सौदा हुआ। यह शुरुआती आंकड़ा है तथा शत-प्रतिशत सच्ची बात है। कई बातें शीघ्र ही सामने लायी जाएंगी। इस देश के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ।”

    शिंदे क्या चाट रहे हैं?

    राउत से जब महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के संदर्भ में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस परोक्ष बयान के बारे में पूछा गया कि कुछ लोग “विरोधी विचारधारा वालों के तलवे चाट रहे थे”, तब उन्होंने कहा, “वर्तमान मुख्यमंत्री क्या चाट रहे हैं? शाह क्या कहते हैं, महाराष्ट्र के लोग उसे (उस बात को) भाव नहीं देते? वर्तमान मुख्यमंत्री को छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम लेने का अधिकार नहीं है।”

    शाह ने शनिवार को कहा था कि जिन लोगों ने विरोधी विचारधारा के लोगों के “तलवे चाटना” पसंद किया था, उन्हें निर्वाचन आयोग द्वारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के धड़े को असली शिवसेना घोषित किए जाने और उसे ‘तीर-धनुष’ चुनाव निशान दिए जाने के बाद पता चल गया है कि सत्य किधर है।

    2019 में बीजेपी-शिवसेना का टुटा गठबंधन

    उद्धव ठाकरे का नाम लिए बगैर शाह ने फिर कहा कि 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का पद साझा करने की कोई सहमति नहीं हुई थी। शिवसेना ने 2019 के विधानसभा चुनाव का परिणाम सामने आने के बाद भारतीय जनता पार्टी के साथ अपना गठबंधन तोड़ लिया था। इसने मुख्यमंत्री पद साझा करने के वादे से भाजपा के पीछे हट जाने का दावा किया था। बाद में उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) एवं कांग्रेस के साथ गठजोड़ कर महाराष्ट्र विकास आघाड़ी गठबंधन बनाया था जिसने शिंदे के बगावत करने से पहले तक जून 2022 तक महाराष्ट्र में शासन किया। (एजेंसी इनपुट के साथ)