27 गांवों के नाराज शिवसैनिकों ने पार्टी से दिया सामूहिक इस्तीफा

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    ठाणे : कल्याण डोंबिवली महानगरपालिका क्षेत्र (Kalyan Dombivli Municipal Corporation Area) में आनेवाले 27 गांवो (27 Villages) को डोंबिवली महानगरपालिका (Dombivli Municipal Corporation) में शामिल किए जाने का प्रशासनिक कारण देते हुए उन गांवों के शिवसेना पदाधिकारियों (Shiv Sena Office Bearers) और कार्यकर्ताओं (Workers) को डोंबिवली शहर शाखा में शामिल करने का आदेश जिलाध्यक्ष गोपाल लांडगे (District President Gopal Landge) ने निकाला है। जिससे नाराज ग्रामीण क्षेत्र (Rural Office Bearers) के शिवसैनिकों ने पार्टी से सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। इस पर गोपाल लांडगे ने कहा कि ग्रामीण पदाधिकारियों से बातचीत के बाद ही 27  गांवो को शहर शाखा में शामिल किया गया है। इसलिए इस्तीफे का संज्ञान लेने की जरूरत नहीं है। ऐसा कह कर लांडगे ने इस्तीफा देने वाले पदाधिकारियों के जख्मों पर मरहम लगाने के बजाय नमक रगड़ दिया है। 

    गौरतलब है कि डोंबिवली ग्रामीण इलाकों में पानी की समस्या के लिए बीजेपी (BJP) और मनसे (MNS) की तरफ से 18 अप्रैल को मोर्चा निकाला गया था जिसमें इन गांवों के लोग भी शामिल हुए थे। शिवसेना की तरफ से ग्रामीण इलाके के पदाधिकारियों को कहा गया कि पानी समस्या गंभीर नहीं है ऐसा बयान दें। ग्रामीण इलाकों के पदाधिकारियों ने अपने वरिष्ठों के आदेश को मानने से इनकार कर  दिया जिसके बाद दोनों के बीच गहरा मनमुटाव पैदा हो गया। 

    शिवसेना को नुकसान हो सकता है 

    दूसरे दिन जिलाध्यक्ष गोपाल लांडगे ने 27 गांवो को शहर में शामिल किए जाने का आदेश निकाल दिया जिसके बाद ग्रामीण इलाकों के शिवसेना के विभाग प्रमुख, तालुका प्रमुख,सभी शाखा प्रमुख, कार्यकर्ताओं ने सामूहिक रूप से अपना इस्तीफा नगरविकास मंत्री एकनाथ शिंदे और सांसद श्रीकांत शिंदे को भेज दिया। सामूहिक इस्तीफा देने के बाद भी वरिष्ठ नेताओं ने उसका संज्ञान नहीं लिया। जिसका झटका आने वाले समय में शिवसेना को लग सकता है। 

    इस्तीफा देने वाले पदाधिकारियों का कहना है कि शहर विभाग की रणनीति उन पर बाहरी उम्मीदवार थोपने की है। राज्य में अस्थिरता का वातावरण है इसलिए समय से पहले विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं। ग्रामीण इलाकों में शहरी भागों के उम्मीदवारी देने का यह खेल रचा गया है। शहरी पदाधिकारियों का ग्रामीण इलाकों में अपना स्थान बनाने के लिए 27 गांवो को शहरी भाग में शामिल किया गया है। शिवसेना के गठन के समय से शिवसेना को आगे बढ़ा रहे ग्रामीण इलाकों के शिवसैनिकों को यह आदेश मंजूर नहीं है। इसलिए सामूहिक इस्तीफा दिया गया है। आने वाले समय में शिवसेना को इसका बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।