Bhiwandi Municipal Corporation

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    भिवंडी : 5 दिसंबर 2019 को हुए महापौर चुनाव (Mayor Election) में कांग्रेस पार्टी (Congress Party) के 18 नगरसेवकों (Corporators) द्वारा पार्टी व्हिप का उल्लंघन कर कोणार्क विकास आघाडी प्रत्याशी (Konark Vikas Aghadi candidate) प्रतिभा विलास पाटील (Pratibha Vilas Patil) के पक्ष में मतदान किया गया था। महानगरपालिका में कांग्रेस का बहुमत होने के बावजूद अधिकृत प्रत्याशी रिसिका प्रदीप राका 9 मतों के अंतर से महापौर चुनाव हार गई थी।

    महानगरपालिका में बहुमत के बावजूद महापौर चुनाव में मिली पराजय के बाद कांग्रेस के बागी नगरसेवकों की नगरसेवक सदस्यता रद्द किए जाने के लिए कांग्रेस के पूर्व महापौर जाबेद दलवी नें कोंकण कमिश्नर के समक्ष याचिका दाखिल कर पार्टी व्हिप का उलंघन करने वाले बागी नगरसेवकों की सदस्यता रद्द किए जाने की मांग की थी। कुछ माह पूर्व ही कांग्रेस के बागी नगरसेवकों ने कांग्रेस को बाय-बाय कह कर एनसीपी का दामन थाम चुके हैं। कोंकण कमिश्नर ने करीब 2 वर्षों की लंबी सुनवाई के बाद पूर्व महापौर दलवी की याचिका को निरस्त कर दिया है। कांग्रेस के 18 बागी नगरसेवकों का मामला कोंकण कमिश्नर द्वारा निरस्त किए जाने से एनसीपी खेमे में जहां खुशी फैली है वहीं कांग्रेसी खेमे में मायूसी फैल गई है।खबर लिखे जाने तक कोंकण कमिश्नर के फैसले की कॉपी महानगरपालिका प्रशासन को नहीं मिली है।

    गौरतलब है कि 5 दिसंबर 2019 को महानगरपालिका महापौर और उपमहापौर का चुनाव महासभा पटल पर हुआ था। महापौर चुनाव में कांग्रेस की तरफ से रिसिका प्रदीप राका और कोणार्क विकास आघाडी की तरफ से प्रतिभा विलास पाटील महापौर पद की उम्मीदवार थी। आश्चर्यजनक तथ्य है कि महानगरपालिका में कांग्रेस के सर्वाधिक 47 नगरसेवक होने के बावजूद कांग्रेस की महापौर पद की प्रत्याशी रिसिका प्रदीप राका कोणार्क विकास आघाड़ी प्रत्याशी प्रतिभा विलास पाटील से 9 वोटों के अंतर से महापौर का चुनाव हार गई। महापौर चुनाव में कांग्रेस की हार का प्रमुख कारण लालच के वशीभूत होकर कांग्रेस के 18 नगरसेवकों का पार्टी व्हिप का उल्लंघन कर मनमानी से कोणार्क विकास आघाडी प्रत्याशी प्रतिभा विलास पाटील को मतदान किया जाना बताया जाता है।