Home First Finance Company shares listed with 19 percent premium
File Photo

    Loading

    ठाणे : मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने महानगरपालिका क्षेत्र में विकलांग व्यक्तियों को बीएसयूपी घरों की चाभियां बांटी थी। इस दौरान एक राहुल मोरे नामक व्यक्ति को भी चाभी मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से दिया था। लेकिन अपने हक के घर में पहुंचने से पहले उस विकलांग व्यक्ति की मृत्यु होने का मामला सामने आया है और मौत के बाद भी उसे घर उपलब्ध नहीं हो पाया है। आज भी उसके वारिसों को घर का कब्जा पाने के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। उक्त मामले का खुलासा महासभा में बीजेपी नगरसेवक (Bjp Corporator) नारायण पवार ने करते हुए इस प्रकरण दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की। 

    उन्होंने कहा कि ठाणे महानगर पालिका पिछले 25 से 30 साल से सत्ता में रही शिवसेना पार्टी ने तुलसीधाम में कुछ ऐसे विकलांग व्यक्तियों को बीएसयूपी योजना के माध्यम से घरों की चाबियां वितरित की गईं। कोविड का संक्रमण शुरू होने से पहले 2019 की शुरुआत में नगर पालिका के गडकरी रंगायतन नाट्यगृह में एक भव्य समारोह में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के हाथों चाभियों का वितरण किया गया। इसी बीच राहुल मोरे नाम के एक विकलांग व्यक्ति को भी उसके असली घर की चाभी दे दी गई। लेकिन इससे पहले कि वह घर पहुंच पाता, मोरे की मौत हो गई। पवार ने कहा अगर चाभियां बांटने के तुरंत बाद मोरे को घर का कब्जा दिया गया होता, तो वह कम से कम एक साल तक अपने सही घर में रह पाता। लेकिन प्रशासनिक लापरवाही और देरी के कारण उसके परिजनों को अभी तक घर पर कब्जा नहीं मिला है और उसकी मृत्यु के बाद भी उन्हें संघर्ष करना पड़ रहा है। इस वजह से गुरुवार को हुई महासभा की बैठक में माहौल काफी गर्म रहा।

    हालांकि, प्रशासन की तरफ से उपायुक्त मनीष जोशी ने स्पष्ट किया कि देरी इस दावे के कारण हुई थी कि क्वारंटाइन सेंटर के लिए इमारतों का इस्तेमाल किया गया था क्योंकि बाद में कोविड की अवधि शुरू हुई थी। उन्होंने कहा कि, संबंधित व्यक्ति की मृत्यु हो गई है, इसलिए ठाणे महानगरपालिका ने विरासत प्रमाण पत्र जमा करने के लिए एक पत्र जारी किया है।