ठाणे : शिंदे गुट शिवसेना के विधायक प्रताप सरनाईक (MLA Pratap Sarnaik) ने राज्य के आदिवासियों (Tribals) को मूलभूत सुविधाओं (Facilities) की पूर्ति करने और इस पर अधिवेशन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत चर्चा करने की मांग की है।
सरनाईक ने इस संदर्भ ने विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को पत्र भी दिया ही। जिसमें उनका कहना है कि पिछले कई वर्षों से राज्य के आदिवासियों को वंचित रखा गया है और यह देखा जा रहा है कि आदिवासियों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। गांवों और मुख्य रूप से आदिवासी जिलों में नागरिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए खाली वादे किए गए। लेकिन हर सरकार ने राज्य के महानगरों में सुविधाओं पर करोड़ों रुपए खर्च करते हुए शहरों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गई। लेकिन, आदिवासी पाड़ों में अभी भी डामर वाली पक्की सड़कें नहीं हैं, नल में पानी नहीं है, आदिवासियों को कुँए के पानी पर निर्भर रहना पड़ता है। पुरुष और महिलाओं के शौचालय नहीं है, बिजली की रोशनी तक नहीं पहुंच पाया है और सार्वजनिक बिजली के खंभों की भी सुविधा उपलब्ध है। इसलिए सबसे पहले आदिवासियों को संचार सुविधाएं मुहैया कराना जरूरी है। यदि संचार सुविधाएं हैं, तो वे शहर, तालुका के संपर्क में रहेंगे। उन्हें रोजगार मिलेगा और इससे स्वत: ही आदिवासी विकास पर फोकस होगा। मुख्यधारा में आना मुश्किल नहीं होगा। संपर्क न होने के कारण स्वास्थ्य सुविधा नहीं है, सड़क सुविधा नहीं है, परिवहन सुविधा नहीं है। इसलिए आदिवासी 75 वर्ष के बाद भी विकास से वंचित है। ऐसे राज्य में राज्य चलाते समय स्वतंत्रता की पूर्व संध्या पर पालघर जिले के मोखाडा में अस्पताल जाने के लिए सड़क नहीं होने के कारण गांव के ग्रामीण कावड़ी से एक गर्भवती महिला को ले जा रहे थे जबकि महिला ने जन्म दिया और दोनों उसके जुड़वां बच्चों की रास्ते में ही मौत हो गई। जिससे उनका मन विचलित हुआ है।
पालघर की घटना दुर्भाग्यपूर्ण: विजय कुमार गावित
पालघर की घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए राज्य के आदिवासी विकास मंत्री विजय कुमार गावित ने कहा कि तत्काल उपाय के रूप में, हम अगले दो वर्षों में राज्य में 100 आबादी वाले आदिवासी गांवों तक सड़कों का निर्माण करेंगे। उन्होंने आगे कहा, आदिवासी जैसे दुर्गम इलाकों में यह समस्या पिछले कई सालों से है और हम इसे सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले दो-तीन साल से हम सांसद हिना गावित के माध्यम से केंद्र से चर्चा कर रहे हैं ताकि संचार सुविधाएं उपलब्ध हों। केंद्र 250 आबादी वाले गांवों तक की सड़कों के निर्माण के लिए पीएम योजना के माध्यम से धन मुहैया करा रहा है। उत्तर महाराष्ट्र में 100 की आबादी वाली वाडियों को फंड दिया जा रहा है। इस पृष्ठभूमि में, यह योजना राज्य सरकारों के माध्यम से राज्य में 100 आबादी वाले आदिवासी बहुल वाड़ों में सड़कों का निर्माण करने का इरादा रखती है।