उल्हासनगर कैंप नंबर 5 मुस्लिम कब्रिस्तान में मोबाइल टावर के निर्माण का स्थानीय लोगों ने विरोध किया

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    उल्हासनगर : स्थानीय कैम्प क्रमांक 5 (Camp No. 5) स्थित कैलाश कॉलोनी परिसर (Kailash Colony Complex) में मुस्लिम दफन भूमी (Muslim Burial Ground) के लिए हाल ही आरक्षित जमीन पर मोबाइल टॉवर (Mobile Tower) बनाए जाने का विरोध (Protest) स्थानीय लोगों ने शुरू कर दिया है। सामाजिक संस्थाओं से जुड़े अनिल सिन्हा, अखलाक शेख आदी ने लिखित रूप से नाराजगी दर्शायी है। 

    उल्हासनगर महानगरपालिका के नाम कर दी है

    इन पदाधिकारियों का कहना है, कि कब्रिस्तान के लिए प्रस्तावित भूखंड को पहले गैरकानूनी तरीके से कुछ लोगों ने झोपड़े, दुकान बनाकर उसे हड़पने का प्रयास किया था। हालांकि वह इसमें कामयाब नहीं हो सके। इसी तरह बस डिपो के लिए 70 वर्ग मीटर की जगह एक प्राइवेट कंपनी को किराए पर देने की कोशिश भी हुयी। जमीन के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे पदाधिकारियों का कहना है, कि अब जो जमीन है। उसकी सनद मुस्लिम दफन भूमी के लिए उपविभागीय अधिकारी ने 13 अप्रैल 2022 को उल्हासनगर महानगरपालिका के नाम कर दी है, उसके बाद उस जमीन में से कुछ हिस्सा एक प्राइवेट मोबाइल कंपनी को देने का षड्यंत्र भी रचा जा रहा है। उल्हासनगर में मुस्लिम धर्मावलंबियों को कब्रिस्तान की जमीन के लिए वर्षो लड़ना पड़ा और 3 साल पहले महानगरपालिका के समीप 120 दिनों तक अनशन भी हुआ था। 

    5 जून से अनिश्चितकालीन अनशन

    पदयात्री संघर्ष समिति के प्रमुख अनिल सिन्हा ने  बताया की मेरे साथी इखलाक शेख ने मोबाइल टॉवर के काम को बंद करने और यहां पर किसी मुस्लिम व्यक्ति का निधन होने पर उसको दफनाने की अनुमति दिए जाने की मांग को लेकर अनशन पर बैठने संबंधी पत्र उपविभागीय अधिकारी, पुलिस उपायुक्त और महानगरपालिका कमिश्नर को दिया और टॉवर का काम बंद न होने पर अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेने तक कि धमकी पत्र द्वारा दी है। 14 जून तक का समय समिति ने दिया है, मांग पूरी न होने पर 15 जून से कब्रिस्तान के लिए निश्चित की गई जमीन अनशन करने का पत्र दिया है।