Water Crisis
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    ठाणे : पिछले छह महीने से कोपरी वासी पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं इसके लिए भाजपा की ओर से हंडा मोर्चा निकाला गया। लेकिन इसके बाद से सियासत गरमाती नजर आ रही है। अब इस इलाके में पानी की समस्या को दूर करने के लिए भाजपा (BJP) और शिवसेना के बीच श्रेय की लड़ाई शुरू हो गई है। और शिवसेना के पूर्व नगरसेवक और भाजपा के पूर्व नगरसेवक (Corporator) आमने-सामने आ गए।

    सोमवार को महानगरपालिका कमिश्नर (Municipal Commissioner) डॉ. विपिन शर्मा (Dr. Vipin Sharma) ने कोपरी क्षेत्र में तट विकास का निरीक्षण किया।  शिवसेना के पूर्व नगरसेविका मालती पाटिल और नम्रता पमनानी ने उनसे कोपरी इलाके में पानी की किल्लत को लेकर चर्चा की। दोनों ने कमिश्नर के संज्ञान में लाया कि क्षेत्र के रहिवासी पिछले कई दिनों से जल संकट से जूझ रहे है।  उन्होंने यह भी कहा कि धोबी घाट क्षेत्र में पानी की टंकी पुरानी है और वहां नई टँकी बनाने की मांग भी की। जिसे संज्ञान में लेते हुए कमिश्नर डॉ. शर्मा ने पानी की समस्या के समाधान का वादा किया। 

    दूसरी ओर, भाजपा के पूर्व नगरसेवक भरत चव्हाण ने आरोप लगाया है कि इन सभाओं को नहीं पता कि जल स्तर क्यों गिर रहा है। इससे पहले मुंबई महानगरपालिका प्रशासन से 22 लाख लीटर पानी कोपरी में आ रहा था। इसमें से 6 एमएलडी पानी को ठाणे महानगरपालिका के कुछ अधिकारियों ने डायवर्ट कर दिया है। इसलिए कोपरीकर को पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इसके लिए हमने पहले नगर पालिका पर हंडा मोर्चा का आयोजन किया था। जनसंख्या बढ़ने पर उसने अतिरिक्त 6 एमएलडी पानी की भी मांग की। उनके मुताबिक, महानगर पालिका ने अतिरिक्त पानी उपलब्ध कराने का भी वादा किया है।  लेकिन अब उन पर इसका श्रेय लेने का आरोप लगाया जा रहा है। कुल मिलाकर कोपरीकर पिछले छह माह से जल संकट से जूझ रहे हैं। लेकिन वहीं अब पानी को लेकर राजनीति गरमाती नजर आ रही है। और पानी की समस्या को दूर करने के बजाय नेता आपस में ही श्रेय लेने के लड़ते नजर आ रहे है। कोपरीकरों की पानी की समस्या का समाधान होगा या नहीं, यह एक यक्ष प्रश्न बन गया है।