abhijeet bangar

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    नवी मुंबई : काम पर विलंब से आने वाले महानगरपालिका (Municipal Corporation ) के 191 कर्मचारियों (Employees) और अधिकारियों (Officers) पर महानगरपालिका कमिश्नर (Municipal Commissioner) की सख्ती की गाज गिरी है। महानगरपालिका कमिश्नर ने इन कर्मचारियों के वेतन में कटौती (Salary Cut) करने का फरमान महानगरपालिका के संबंधित विभाग को जारी किया है। कमिश्नर के इस फैसले से कर्मचारियों और अधिकारियों में खलबली मच गई है।

    गौरतलब है कि महानगरपालिका कमिश्नर अभिजीत बांगर (Abhijit Bangar) द्वारा जिन 191 कर्मचारियों के वेतन में कटौती करने का आदेश जारी किया गया है, उसमें 165 कर्मचारियों का 1 दिन का वेतन काटने का निर्देश दिया गया है, वहीं 22 कर्मचारियों का 2 दिन का वेतन काटने के लिए कहा गया है, जबकि 4 कर्मचारियों के 3 दिन का वेतन काटने का आदेश महानगरपालिका कमिश्नर ने दिया है। इसके साथ ही इन 4 कर्मचारियों का महानगरपालिका कमिश्नर ने तबादला भी कर दिया है।

    26 फरवरी 2020 से लागू है नियम

     बता दें कि 26 फरवरी 2020 से 5 दिन के सप्ताह के हिसाब से महानगरपालिका के अधिकारियों और कर्मचारियों को काम पर आने का समय तय किया गया है, जिसके तहत सोमवार से शुक्रवार तक महानगरपालिका के अधिकारियों और कर्मचारियों को सुबह 9.45 बजे से शाम 6.15 बजे तक काम करना अनिवार्य है, जबकि चपरासी वर्ग के कर्मचारियों के लिए सुबह 9.30 बजे से शाम 6.30 बजे तक काम करना अनिवार्य किया गया है। इसके बावजूद 191 कर्मचारियों और अधिकारियों द्वारा इस नियम का पालन नहीं किया जा रहा था, जिसे गंभीरता से लेते हुए महानगरपालिका कमिश्नर बांगर ने इन कर्मचारियों के मासिक वेतन में कटौती करने का फरमान संबंधित विभाग को जारी किया है।

    नागरिकों को बेहतर सेवा और सुविधाएं देना महानगरपालिका के कर्मचारियों और अधिकारियों का कर्तव्य है, इसके लिए कर्मचारियों और अधिकारियों को समय पर कार्यालय में आना जरूरी है। इसके बारे में बारंबार सूचना देने के बाद भी जिन कर्मचारियों और अधिकारियों ने सूचना को गंभीरता से नहीं लिया, उनके वेतन में कटौती करने का आदेश दिया गया है।

    - अभिजीत बांगर, कमिश्नर, नवी मुंबई महानगरपालिका

    कमिश्नर को मिल रही थी शिकायतें 

    गौरतलब है कि महानगरपालिका के विभिन्न कार्यालयों में काम कर रहे अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा समय पर कार्यालय में नहीं आने का सिलसिला जारी था, इसके बारे में महानगरपालिका कमिश्नर बांगर को लगातार शिकायतें मिल रही थी। जिसे गंभीरता से लेते हुए महानगरपालिका कमिश्नर द्वारा महानगरपालिका के प्रशासन विभाग को इस संबंध में परिपत्र जारी करने का निर्देश दिया गया था, जिस पर अमल करते हुए महानगरपालिका के प्रशासन विभाग ने सभी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को समय पर आने और जाने के लिए परिपत्र जारी किया गया था, फिर भी कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा इसकी अनदेखी की जा रही थी।