Thane Municipal Corporation
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    ठाणे: पेट्रोलियम उत्पादों पर निर्भरता कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) को बढ़ावा देने की केंद्र सरकार (Central Government) की नीति के बावजूद ठाणे महानगरपालिका (Thane Municipal Corporation) पिछले दो वर्षों में ठाणे (Thane) में एक भी चार्जिंग स्टेशन (Charging Station) नहीं बना पाया है। एक तरफ जहां ठाणे महानगरपालिका के बिजली विभाग ने जगह की समस्या बताते हुए हाथ खड़े कर दिए हैं। वहीं पता चला है कि जगह उपलब्ध कराने में नगर विकास विभाग और रियल एस्टेट विभाग के बीच कोई तालमेल नहीं होने के कारण अब तक चार्जिंग स्टेशन नहीं बन पाया। 

    साथ ही महानगरपालिका द्वारा करोड़ों रुपयों के भूखंड को अब तक बड़े डेवलपर्स दे चुकी है, लेकिन पिछले दो वर्षों में चार्जिंग स्टेशन जैसी महत्वाकांक्षी योजना के लिए कोई जगह उपलब्ध नहीं हो पाना चर्चा का विषय बना हुआ है। 

    शहर में 100 चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाने थे

    केंद्र सरकार ने 2030 शहर में ऐसे वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के अनुसार तत्कालीन ठाणे महानगरपालिका कमिश्नर संजीव जायसवाल ने महानगरपालिका क्षेत्र में चार्जिंग स्टेशन का निर्माण करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के अनुसार महानगरपालिका की राशि से शहर में 100 चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाने थे। महिंद्रा और काइनेटिक ग्रीन ने भी स्टेशन की स्थापना की लागत वहन करने के लिए अपनी तत्परता का संकेत दिया था। 

    केवल जगह उपलब्ध कराने का फैसला

    प्रशासन ने  के फंड से चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया और महानगरपालिका ने संबंधित कंपनियों को चार्जिंग स्टेशनों के निर्माण के लिए केवल जगह उपलब्ध कराने का फैसला किया था। इसके अलावा महानगरपालिका ने संबंधित कंपनियों के माध्यम से शहर में इलेक्ट्रिक वाहन उपलब्ध कराने के लिए ऋण उपलब्ध कराने वाली वित्तीय संस्थाओं से भी समन्वय स्थापित करेगा। एक एमओयू पर तत्कालीन अतिरिक्त आयुक्त और स्मार्ट सिटी के तत्कालीन सीईओ राजेंद्र अहिवर और संबंधित कंपनियों के प्रतिनिधियों ने नवंबर 2018 में जायसवाल की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए थे।

    नगर विकास विभाग को एक भी प्लॉट नहीं मिल पाया

    महानगरपालिका ने यह भी दावा किया था कि इस परियोजना को जनवरी 2019 तक लागू किया जाएगा। इसी के तहत शहर के विभिन्न हिस्सों में चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए तलाशी अभियान चलाया गया। इस समय शहर के पेट्रोल पंपों और सीएनजी स्टेशनों पर वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं, जिससे जाम की स्थिति बन रही है। हालांकि चार्जिंग स्टेशन की स्थापना करते समय इस बात का ध्यान रखना था सड़कों पर जाम से बचने के भी प्रयास किए जा रहे थे, लेकिन दो साल बाद भी नगर विकास विभाग को एक भी प्लॉट नहीं मिल पाया है। बिजली विभाग ने कहा कि आनंद नगर में केवल एक साइट की पहचान की गई है और कोई अन्य चार्जिंग स्टेशन तब तक चालू नहीं होगा जब तक कि दूसरी साइट नहीं मिल जाती। बिजली विभाग ने यह भी कहा है कि नगर विकास विभाग को बिजली विभाग द्वारा बार-बार ऐसे प्लॉट खोजने को कहा गया है, लेकिन ढाई साल में 100 में से एक भी प्लॉट नहीं मिला है। जो शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है।