उल्हासनगर : स्थानीय रेलवे पटरियों से कुछ ही दूरी से बहने वाली वालधुनी नदी (Waldhuni River) के किनारे बड़े पैमाने पर पेड़ों (Trees) की कटाई (Felling) किए जाने की जानकारी सामने आ रही है। वही तट के पास ही पुराने सूखे पेड़ों को जलाने की बात कही जा रही है और यह सब जमीन पर अवैध निर्माण (Illegal Construction) कर लाखों रुपए कमाने के लक्ष्य को लेकर शुरू है।
2 जगहों पर बड़े पैमाने पर करीबन 50 से अधिक पेड़ों की कटाई
वालधुनी नदी संवर्धन समिति के सदस्यों ने ऊक्त भंडाफोड़ किया है। समिति ने प्रशासन से आवाहन किया है कि उल्हासनगर कैम्प 3 के उल्हासनगर रेलवे स्टेशन रोड, सहदेव कम्पाउंड के अंदर ही वालधुनी नदी किनारे 2 जगहों पर बड़े पैमाने पर करीबन 50 से अधिक पेड़ों की कटाई हुई है, पेड़ों को जलाया (Burning) गया है, जिसकी शिकायत गूगल फ़ोटो के साथ वालधुनी नदी संवर्धन समिति से जुड़े हरि चावला (Hari Chawla) ने ट्विट करके की है और साथ ही वहां नदी के अंदर 20 फुट जाकर नदीपात्र में ही निर्माण हो रहा है। सदस्यों ने आशंका जताई है कि आने वाली बरसात में यहां बाढ़ आ सकता है। इसके कारण गरीब और झुग्गी झोपड़ी (Slum) में रहने वाले गरीब लोग आहत होंगे। यहां जो निर्माण हो रहा है वह अवैध है। यह जानकारी भी ली जाए, और वहां कमसे कम 40 से 50 पेड़ों की कटाई हुयी है, पेड़ जलाए गए है जो विडिओ में भी दिख रहे है। इस प्रकार खुलेआम धड़ल्ले से पेड़ों की कटाई का कार्य होने से स्थानीय महानगरपालिका प्रशासन की कार्यशैली पर सवालिया निशान उठने लगे है।