मुंबई: केंद्र सरकार (Central Government) ने पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) की कीमतों भारी कटौती कर जनता को बड़ी राहत दी है। इस निर्णय के बाद भाजपा (BJP) जहां जनता को बड़ी राहत बता रहे हैं, वहीं विपक्षी दल मोदी सरकार (Modi Government) पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगा रहा है। इसी को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, “पहले कीमतें बढ़ाना और फिर उसे नाममात्र कम करने का दिखावा सही नहीं है।”
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा किए ट्वीट में लिखा, “पहले कीमतें बढ़ाने और फिर नाममात्र के दाम कम करने का दिखावा करना सही नहीं है। मुख्यमंत्री उद्धव बालासाहेब ठाकरे ने कहा है कि अगर आंकड़ों के जाल में उलझे बिना 6-7 साल के उत्पाद शुल्क को कम किया जाए तो देश के नागरिकों को राहत मिलेगी।”
आधी किंमती भरमसाठ वाढवायच्या आणि नंतर नाममात्र कमी करून दर कमी केल्याचा आव आणायचा हे बरोबर नाही. आकडेवारीच्या जंजाळात नागरिकांना न अडकवता ६-७ वर्षांपूर्वीच्या अबकारी कराइतकी कपात केल्यास देशातील नागरिकांना दिलासा मिळेल, असे मुख्यमंत्री उद्धव बाळासाहेब ठाकरे यांनी सांगितले आहे.
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) May 21, 2022
ज्ञात हो कि, शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल की कीमत पर 9.50 रुपये और डीजल की कीमत पर 7 रुपये की कटौती करने का ऐलान किया। वित्त मंत्री ने अपने किये ट्वीट में कहा, “हम पेट्रोल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क ₹8 प्रति लीटर और डीजल पर ₹6 प्रति लीटर कम कर रहे हैं। इससे पेट्रोल की कीमत 9.5 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 7 रुपये प्रति लीटर कम हो जाएगी। इसका सरकार के लिए लगभग ₹ 1 लाख करोड़ / वर्ष का राजस्व निहितार्थ होगा।”
उन्होंने आगे कहा, “साथ ही, इस वर्ष, हम प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना के 9 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को ₹ 200 प्रति गैस सिलेंडर (12 सिलेंडर तक) की सब्सिडी देंगे। इससे हमारी माताओं और बहनों को मदद मिलेगी। इससे सालाना लगभग ₹6100 करोड़ का राजस्व प्रभाव पड़ेगा।”
राज्य में पेट्रोल-डीजल की कीमत कम करने की हो रही मांग
पिछले साल नवंबर सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि की थी। इसी के साथ भाजपा शाषित राज्यों सहित ओडिशा ने भी राज्य का लगने वाला वैट कम किया था। वहीं भाजपा सहित तमाम विपक्षी दल लगातार उद्धव ठाकरे नित महाविकास अघाड़ी सरकार से राज्य में वैट कम करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन सरकार ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया।वहीं सरकार में शामिल तीनों पार्टियों के नेता और मंत्री केंद्र पर महंगाई को लेकर उल्टा केंद्र को जिम्मेदार बताते आ रहे हैं।