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    नई दिल्ली/मुंबई. जहां एक तरफ महाराष्ट्र (Maharashtra) में चल रहे सियासी दंगल ला अब पटाक्षेप हो गया है। वहीं इसके बाद शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने अब महाराष्ट्र के नए-नवेले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को संगठन में पार्टी के नेता पद से भी हटा दिया है। जी हाँ, पूर्व CM उद्धव ठाकरे द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, शिंदे पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण यह कार्रवाई हुई है। 

    गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के अधिकांश नेताओं और विधायकों ने बगावत कर दी थी, जिसके बाद ही महाराष्ट्र की महा विकास आघाडी सरकार (MVA) संकट में आ गई थी, और अंतत: उद्धव ठाकरे को राज्य के मुख्यमंत्री पद से भी इस्तीफा देना पड़ा था।

    ठाकरे ने दी थी कड़ी कार्रवाई की चेतावनी 

    हालाँकि इस बाबत पूर्व CM ठाकरे ने कुछ दिन पहले ही शिवसेना के 2 हजार पार्षदों की एक ऑनलाइन बैठक ली थी। दरअसल बगावत की इस आग से शहरी और ग्रामीण इलाके में शिवसेना के संगठन में सेंध न लगे, इसलिए उद्धव ठाकरे ने अपने पार्टी के सभी पार्षदों की एक बैठक बुलाई थी। 

    वहीं सूत्रों की मानें तो, पार्टी में बगावत करने और शिवसैनिकों को भड़काने वाले बागियों को पहले से ही चिन्हित कर उन्हें शिवसेना के सभी पदों से हटाने को भी उन्होंने कहा था। इसी क्रम में अब एकनाथ शिंदे और रामदास कदम को सभी पदों से हटाया गया है।

    शिवसैनिक आज भी मेरे साथ हैं, दोबारा शिवसेना को करूंगा खड़ा 

    वहीं इस बैठक में पूर्व CM उद्धव ने नगरसेवकों को संबोधित करते हुए कहा था कि, उद्धव ठाकरे को आप भले ही अकेले कर दो, बाकी सबको अपने साथ ले लो। लेकिन मेरा चैलेंज है कि अगर दम है तो लेकर दिखाओ मेरे शिवसैनिकों को। वे शिवसैनिक जो नगरसेवक, विधायक, सांसद और मंत्री बनाते हैं। यह स्थिति बनाई गई है। जो तड़प रहे हैं, उन शिवसैनिकों से अब मेरी सीधी बात हो रही है। यह बड़ी साजिश है। बीजेपी ने शिवसेना के साथ गठबंधन तोड़ा, पीठ पर वार किया और आज आप साजिश कर रहे हो हमारी शिवसेना तोड़ने की। जो में सफल नहीं होने दूंगा।”

    30 जून को भेजा पत्र 

    बता दें कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने बीते शुक्रवार को एकनाथ शिंदे को ‘शिवसेना नेता’ के पद से हटा दिया। एक दिन पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले शिंदे को लिखे एक पत्र में ठाकरे ने उन पर ‘पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल’ होने का भी संगीन आरोप लगाया था। यह पत्र बीते 30 जून का है, जिस दिन शिंदे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थन से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।