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नई दिल्ली/मुंबई: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) की दस्तक की बीच महाराष्ट्र (Maharashtra) में महाविकास अघाड़ी (MVA) ही संकट में नजर आ रहा है। जहाँ एक तरफ शिवसेना उद्धव गुट (UBT) ने आज यानी बुधवार को 17 कैंडिडेट्स का ऐलान किया। वहीं इनमें से 3 सीटों पर कांग्रेस के दावेदार अपनी टिकट का इंतजार कर रहे थे। अब इस ऐलान के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता संजय निरुपम (Sanjay Nirupam) खासें नाराज हैं, वे मुंबई नॉर्थ-वेस्ट से लोकसभा लड़ने की तैयारी कर रहे थे। उन्हें खुद राहुल गांधी ने ही यहां से टिकट का भरोसा दिया था।

लेकिन अब इसी सीट पर उद्धव गुट ने अमोल कीर्तिकर को टिकट दिया, जिन्हें खिचड़ी घोटाले में ED ने ताजा-ताजा समन भेजा है। मुंबई साउथ-सेंट्रल और सांगली सीटों पर भी कांग्रेस के नेता अपने टिकट मिलने की उम्मीद कर रहे थे।

इधर इन सबके बीच वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) नेता प्रकाश अंबेडकर ने भी MVA से अलग-थलग होकर लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने भी आज यानी बुधवार को 8 कैंडिडेट्स के नामों का ऐलान किया। इनके अलावा स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के अध्यक्ष पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने MVA के साथ गठबंधन करने से इनकार कर दिया है। MVA ने हातकणंगले की सीट इन्ही शेट्टी को देना का प्रस्ताव दिया था।

वहीं मुंबई की उत्तर-पश्चिम सीट पर शिवसेना उम्मीदवार के विरोध में अब शरद गुट के कार्यकर्ताओं ने जमकर अपना विरोध-प्रदर्शन भी शुरू कर दिया है। फिलहाल NCP शरद पवार गुट की भी एक बैठक चल रही है। अब से कुछ देर पहले पार्टी प्रमुख शरद पवार ने अपने घर पर यह बैठक बुलाई है।

अब इस बाबत I.N.D.I.A गुट की पार्टियां शिवसेना (उद्धव गुट) और कांग्रेस के बीच महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग को लेकर कई चर्चाएं तो जरुर हुईं। लेकिन बाद में पता चला कि, इनमें मुंबई की 6 सीटों पर कांग्रेस और उद्धव के बीच सहमति नहीं बन पा रही थी। इस सिलसिले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बीते 22 फरवरी को भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बीच उद्धव को फोन किया और करीब एक घंटे तक बात भी की थी।

वहीं कांग्रेस खुद मुंबई की 3 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी। इनमें मुंबई साउथ सेंट्रल, मुंबई नॉर्थ सेंट्रल और मुंबई नॉर्थ वेस्ट शामिल हैं। हालांकि, तब उद्धव ने मुंबई की 4 सीट- मुंबई साउथ, मुंबई नॉर्थ वेस्ट, मुंबई नॉर्थ ईस्ट और मुंबई साउथ सेंट्रल अपने लिए ही मांग ली थीं। लेकिन आज पहले उद्धव गुट और फिर वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) द्वारा गामी लोकसभा चुनाव के लिए अपने-अपने कैंडिडेट्स के नामों के ऐलान के बीच यह साफ़ हो चूका है कि, सत्ता-मोह ने आखिरकार महाविकास अघाड़ी को ख़त्म न सहीं मगर इसके कगार पर तो ला ही खड़ा किया है। बस अब देखना यह है कि, फिलहाल कांग्रेस और इन सब उठापटक पर अपनी बारीक नजर रखे हुए शरद पवार आखिर अब क्या करने वाले हैं।