Mahavitaran
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आर्वी (त. सं.). मनमानी कार्य का एक और प्रकरण महावितरण का तहसील में सामने आया नियमित बिल भरने वाले घरेलू ग्राहक को 19,800 का बिल भेजा गया. जिसकी वजह से ग्राहक की धड़कन बढ़ गई थी. सर्कसपुर निवासी रामराव महादेव कडू महावितरण कंपनी के नियमित ग्राहक थे. उनके मृत्यु के बाद पुत्र गोविंद कडू नियमित बिल अदा करते हैं. गत अक्टूबर माह में उन्हें 630 रुपए का बिल आया.

उन्होंने 1 दिसंबर को यह बिल अदा किया जिसके बाद उन्हें 19,800 का बिल महावितरण की ओर से भेजा गया. इस संदर्भ में संबंधित अधिकारी से शिकायत करने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई. जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं.

गोविंद कडु किसानी करते हैं खेती पर ही उनके परिवार का उदर निर्वाह होता है. ग्रामीण क्षेत्र में सामान्य किसान के घर जितने विद्युत उपकरण होते हैं उतने ही उनके घर है. नियमित रूप से वह 600 से 700 रु का बिल अदा करते हैं लेकिन दिसंबर माह में उन्हें महावितरण विभाग द्वारा 19,800 का बिल भेज देने से परिजनों में हड़कंप मच गया.

महावितरण के काट रहे चक्कर

अब इस बिल को कम करने के लिए उन्हें महावितरण कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं लेकिन कोई भी उनकी सुनने के लिए तैयार नहीं है जिससे ग्राहक गोविंद कडू में महावितरण के प्रति रोष व्यक्त किया. महावितरण के अधिकारियों ने उसके बिल को कम कर उसका समाधान करना चाहिए ऐसी उन्होंने मांग की है.