Boy Leave home for Mobile

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सिंदी-रेलवे (सं). आए दिन बहुपयोगी मोबाइल अब कुछ परिवारों के लिए समस्या बनकर सामने आ रहा है. एक साल के बालक से लेकर युवकों तक मोबाइल अपने जाल में फांसते जा रहा है. अनेक परिवारों में बच्चें मोबाइल देखकर ही खाना खाने की जिद अब जटिल समस्या बन रही है. अधिकतम समय मोबाइल के संपर्क में रहने से खेलकूद का बचपन मोबाइल छिन रहा है. एक माह पहले ही नगर की कक्षा 11 वीं में अध्ययनरत मजदूर परिवार की छात्रा ने परिजनों से मोबाइल दिलाने की जिद पर अड़े बेटी को पिता ने आर्थिक तंगी से मोबाइल नहीं ले पाने से डांट लगायी थी. जिससे गुस्साई युवती ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

हाल ही में समुद्रपुर तहसील के ग्राम वाकसुर पोस्ट कांढली निवासी कक्षा 10 वीं के छात्र का गणित का पेपर था. जहां वह स्कूल में मोबाइल ले जाने की जिद कर रहा था. जिससे पिता ने बच्चें को फटकार लगाने से स्कूल से लौटते समय छात्र गांव आने के पूर्व ही कांढली पाटी पर उतर गया और साथी छात्रों को काम होने का बताया. लेकिन देर रात शाम को पिता लौटने पर बेटा वापस नहीं आने की बात पता चलते ही पिता ने उसके साथी छात्रों से पूछा तो उन्होंने वह कांढली पाटी पर उतरने की बात कही.

फिर पिता ने रिश्तेदारों से फोन पर संपर्क कर बेटे के आने के विषय में पूछने पर कहीं से भी आने की बात की पुष्टि नहीं हुई. पश्चात कुछ देर बाद युवक ने नागपुर के छत्रपति चौक से बात कर रहा हूं, कहकर किसी अन्य मोबाइल से संदेश देते हुए मैं घर छोड़कर जा रहा हूं. वापस नही आऊंगा. यह बेटे की बात सुनते ही पिता के पैरों तले की जमीन खिसक गयी.

सिंदी पुलिस का सराहनीय कार्य

पिता ने तत्काल युवक ने बताए पते पर नागपुर पहुंचकर बेटे की तलाश की. लेकिन कही पता नहीं लगने से हताश पिता ने सिंदी थाने पहुंचकर बेटे की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज की. सिंदी पुलिस उसके दोस्त मित्रों से मिलकर जांचने पर एक मित्र को एक हजार रूपये फोन पे से भेजने की बात कही. उसी को आधार बनाकर सिंदी पुलिस ने लोकेशन ट्रेस कर उसे नंदनवन में जाकर हिरासत में लिया तथा उसे समजाईश देकर परिजनों को सौंपा. सिंदी पुलिस की सतर्कता से एक बेटा परिवार से जुदा होने से बच जाने से परिजनों ने पुलिस प्रशासन का आभार माना. पुलिस विभाग की कार्यवाही की सर्वत्र सराहना की जा रही है. 

सिरदर्द बना मोबाइल फोन

मोबाइल जितना जरूरी है. उतना ही कुछ परिवारों के लिए सिरदर्द बन गया है. अब परिजनों को युवा पीढ़ी को मोबाइल से बच्चों को दूर रखने का प्रयास करना होगा. मोबाइल के लिए परिवार को त्यागने वाली इस पीढ़ी को मोबाइल एडिक्ट के लिए उपचार करना जरूरी हो गया है. अतिरिक्त एसपी सागर कवडे, एसडीपीओ मंकेश्वर के नेतृत्व में एपीआय तिरूपति राने, राजू सोनपितरे, सूरज सयाम, भगत मेजर, शितल मुन की टीम ने खोजबीन का काम किया.