- खुला ही तेल अच्छा था कहने की नौबत
ढाणकी. दिन ब दिन महगाई का आलेख बढ रहा है. जीवनावश्यक वस्तूओं की किमतों की लगातार दाम बढने की वजह से गरीबों के घर का अर्थिक तंत्र लेकिन बिगड रहा है. उसमें भी मुंग फल्ली के तेल का दाम 160 रुपये प्रति लिटर ढाणकी परिसर में है. जिस वजह से अब खुला तेल ही अच्छा था ऐसा नागरिकों में चर्चा हो रही है.
सरकार ने खुले मुंग फल्ली के तेल व पाम तेल पर बंदी लायी है. ऐसे में सीलबंद तेल एक लिटर पैंकिंग में बाजार में उपलब्ध है. यह तेल 160 रुपये प्रति लिटर इस दाम से बेचा जा रहा है. दो सौ रूपये से दिहाडी मजदूरी पर जानेवाले मजदुरों को अब 160 रुपय का तेल खरीदी करना पड रहा है. गांव देहात में परिवार का अर्थिक तंत्र डगमगाया है.
हो रही क्या कृत्रिम महंगाई?
दिन ब दिन बढते महगाई की वजह से सामन्य नागरिको के बे हाल हो रहे है. इस तेल के दाम कब कम होगे यह सवाल सामान्य नागरिकों से उठ रहा है. सरकार ने भी इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है. इसमें तेल का संचय कर दाम बढाने का कृत्रिम प्रयास कर रहे है तो ऐसे संचय करनेवाले पर प्रशासन ने कार्रवाई करना अपेक्षित है.
परिसर मजदूरी के लिए प्रसिद्ध
ढाणकी परिसर यह बंदी इकाल से तहसील में प्रसिद्ध है. इस इलकों के नागरिक ज्यादा पैमाने पर दिहाडी मजदुरी करते है. उसी मजदूरी पर अपने परिवार की मुलभूत जरूरते पूरी करते है. लेकिन इस मंहगाई के मार से नागरिकों को परेशानियों का सामना करना पड रहा है