- प्रति हेक्टेयर मदद राशि में भी कर दिया बदलाव
यवतमाल. इस वर्ष जिले में जुन के बाद जुलाई, अगस्त, सितंबर से लेकर अक्तुबर तक मुसलाधार बारिश और अतिवृष्टी ने पिछा नही छोडा.जिले में भारी बारिश,इससे बांधों में लबालब पानी भरने के बाद जलविसर्ग किए जाने से आयी बाढ में किसानों की फसलें बहकर चौपट हो गयी, खेतों कों नुकसान पहूंचा, अतिवृष्टी जैसी प्राकृतिक आपदा ने इस बार जिले में लाखों हेक्टेयर क्षेत्र की फसल को बर्बाद कर किसानों को आर्थिक संकट में धकेल दिया.
इस आपदा के बाद सरकार से मदद की आस लगाए बैठे किसानों पर सरकार ने मदद के लिए कडी शर्ते लागु कर दी है.राज्य सरकारने हाल ही में अतिवृष्टी बाधित किसानों के लिए 10 हजार करोड रुपयों की मदद राशी घोषित की है.
पुरे बारिश के मौसम में अतिवृष्टी के अलावा मुसलाधार बारिश से जिले में किसानों की बडे पैमाने पर सोयाबीन, कपास, दलहन, और फल, सब्जी के बागिचे उजाड दिए.लेकिन सरकार ने केवल अतिवृष्टी से बाधित हुए किसानों को ही मदद घोषित की है. इससे पुर्व राजस्व प्रशासन ने जिले में फसल आणेवारी 60 पैसे से अधिक बतायी,तो दुसरी ओर जिले में 230 राजस्व मंडलों में अतिवृष्टी दर्शायी गयी है.जिससे सरकार द्वारा अब अतिवृष्टी बाधित किसानों को ही मदद देने की घोषणा की है.
जिससे अब जिले में जीन मंडलों में राजस्व विभाग ने अतिवृष्टी दर्शायी है,उन्ही राजस्व मंडल के दायरे में आ रहे किसानों को सरकारी मदद राशी मिलेंगी.एैसे में जिले के जीन हजारों किसानों की मुसलाधार बारिश में खरीफ की फसल से खो दी, लेकिन उनके मंडलों में अतिवृष्टी राजस्व ने दर्ज नही की, एैसे किसानों को मदद मिलने में अब संदेह का वातावरण निर्माण हो चुका है.फिलहाल सरकार अतिवृष्टी बाधितों के लिए जो मदद घोषित की है, उसमें सुखे क्षेत्र की खेती को प्रती हेक्टेयर 10 हजार तथा सिंचाई के खेती को प्रतिएकड 15 हजार रुपए मदद दी जाएंगी.
जिले में जुन से अक्तुबर 2021 तक अतिवृष्टी और इसमें आयी बाढ से 1 लाख 75 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की फसल को नुकसान पहूंचाया. जिससे सरकार के मानकों के मताबिक अतिवृष्टी बाधीत मंडलों के किसानों को मदद दी जाएंगी.जिससे जिले में 230 राजस्व मंडलों के किसानों कों ही मदद मिलने से अन्य मंडल जहां पर फसलें काफी बर्बाद हुई, वहां के किसानों को मदद से वंचित रहना पडेंगा.
सरकार ने अतिवृष्टी और बाढ से बर्बाद हुए किसानों को मदद देने कडे मानक रखे है, राज्य आपदा प्रतिसाद निधी के दर के मुताबिक प्रति 2 हेक्टेयर को 6 हजार 800 तथा बागीचों की फसलों के लिए प्रति दो हेक्टेयर 13 हजार 500 रुपए मदद दी जाती थी, जिसे अब सरकार ने केवल एक हेक्टेयर को 15 हजार रुपए मदद देने की घोषणा की है.
इसके अलावा बहुवार्षिक फसल नुकसान के लिए दिए जानेवाले 18 हजार रुपए प्रति दो हेक्टेयर की बजाय अब केवल एक हेक्टेयर के लिए 25 हजार रुपए कर दिए है.इसके लिए भी संबंधित किसान के मंडल में अतिवृष्टी दर्ज होना जरीरु की गया है.एैसे में प्रशासन ने जीन मंडलों में अतिवृष्टी दर्ज की, वहीं के किसानों कों अब प्रतिहेक्टेयर मदद कम कर नुकसान मुआवजा दिया जाएंगा.प्रशासन के मनमानी कामकाज और उसकी रिपोर्ट पर सरकार के इस अजीब फैसले पर सभी स्तरों पर हैरानी जतायी जा रही है.