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    वणी. कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के कारण स्कूल-महाविद्यालय बंद कर दिए गए थे. विद्यार्थियो की आनलाइन पढाई चल रही थी. अब कोरोना का संक्रमण कम होने से स्कूल शुरू कर दिए गए है. लेकिन पिछले 3 महीनो से एसटी कर्मचारियो की हडताल शुरू होने के कारण एसटी बंद है.

    जिससे छात्र-छात्राओ को गांव से स्कूलो तक पहुंचने के लिए तारो की कसरत करनी पड रही है. गांव मे निजी वाहन तो है, परंतु एसटी बंद होने का लाभ उठाकर चालक विद्यार्थियो से दोगुनी राशि वसूल कर रहे है. जिससे पालको को आर्थिक नुकसान भी सहना पड रहा है. आर्थिक बोझ के चलते कई छात्र_छात्राए स्कूल नही जा पा रहे है. इसलिए विद्यार्थियो व पालको ने ग्रामीण क्षेत्र से एसटी बसो को शुरू करने की मांग सरकार से की है. 

    2 वर्षो से शिक्षा के बुरे हाल

    पिछले 2 वर्षो से कोरोना संक्रमण के कारण शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से लडखडा गई है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने स्कूल व महाविद्यालय को बंद कर दिया था. काफी समय बितने के बाद कोरोना संक्रमण का प्रसार कम होने पर सरकार ने स्कूल शुरू करने का निर्णय लिया है. इस बीच , एसटी कर्मचारियो की हडताल ने विद्यार्थियो के सामने नया संकट खडा कर दिया है.

    कर्मचारियो मे राज्य सरकार मे महामंडल के विलिनीकरण के लिए हडताल शुरू की . इस वजह से महामंडल की बसे पूरी तरह से बंद पडी है. इसका खामियाजा ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियो को भुगतना पड रहा है. बसे बंद होने से उनके पास शहर मे शिक्षा के लिए स्कूल व महाविद्यालय पहुंचने के लिए कोई अन्य साधन उपलब्ध नही है. 

    पैसा और समय हो रहा बर्बाद 

    निजी वाहन चालक यात्रियो की संख्या पूर्ण होने के बगैर वाहन आगे नही बढाते . जिसके कारण काफी समय तक विद्यार्थियो को इंतजार करना पड रहा है. कई वे स्कूल वे महाविद्यालय देरी से पहुंचते है. ऐसे मे न सिर्फ उनका समय बर्बाद हो रहा है, बल्कि आवागमन मे उन्हे अधिक पैसे देने पड रहे है. निजी वाहनो का किराया वाहन चालको ने दोगुना बढाने से पालको को आर्थिक संकट का सामना करना पड रहा है. 

    कई छात्र -छात्राए जान को संकट मे डालकर भीड का सामना कर स्कूल व महाविद्यालय पहुंच रहे है. निजी वाहनो मे भीड के कारण छात्राओ को कई बार बत्तमिजी का भी सामना करना पड रहा है. ऐसे मे कुछ छात्राओ ने स्कूल जाना बंद कर दिया है. इसलिए ग्रामीण क्षेत्र के पालको ने सरकार से बसो को शुरू करने की मांग की है.