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    पटना: बिहार विधानसभा (Bihar Assembly ) में विपक्षी पार्टियों (Opposition Parties) ने होली के दौरान राज्य के विभिन्न जिलों में कथित रूप से जहरीली शराब पीने से हुई लोगों की मौत (Death due to Poisonous Liquor) के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की (Nitish Kumar) इस्तीफे की मांग को लेकर बुधवार को हंगामा किया, जिसकी वजह से कामकाज बाधित हुआ और दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। 

    उल्लेखनीय है कि बिहार में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध है। यह मुद्दा सबसे पहले शून्य काल में उठा, जब कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और वाम दलों के विधायक मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए। विपक्षी सदस्य संसदीय कार्यमंत्री विजय कुमार चौधरी के इस अनुरोध से भी संतुष्ट नहीं हुए कि शुक्रवार को गृह विभाग के बजट परिव्यय पर मतदान के दौरान जहरीली शराब से मौतों के मुद्दे पर चर्चा की जा सकती है। 

    विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने अपराह्न करीब साढ़े बजे सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। जब कार्यवाही दोपहर के भोजनावकाश के बाद दोबारा शुरू हुई तो हंगामे की वजह से कार्यवाही एक बार फिर से शाम चार बजकर 50 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी गई। 

    सदन की कार्यवाही जब शाम चार बजकर 50 मिनट पर शुरू हुई तो मुख्यमंत्री भी सदन में आए और विपक्षी विधायक एक बार फिर ‘‘नीतीश कुमार इस्तीफा दो’ के नारे लगाने लगे। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने तेजी से दिन के कार्य कराए और सदन की कार्यवाही बृहस्पतिवार तक के लिए स्थगित कर दी। 

    उल्लेखनीय है कि होली के आस-पास बांका, भागलपुर, मधेपुरा और बक्सर जिलों में 20 से अधिक लोगों की कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से मौत की खबर आई है। ये मामले दीपावली के आस-पास जहरीली शराब पीने से करीब 40 लोगों की मौत की घटना के कुछ महीने बाद आए हैं।  पुलिस ने दावा किया है कि अधिकतर मामलों में संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों ने मौत की अन्य वजह बताई है जैसे दुर्घटना या बीमारी या ऐसे मामले हैं जिनमें परिवार ने पोस्टमॉर्टम करने से पहले ही शव का दाह संस्कार कर दिया, जिससे आगे की जांच संभव नहीं है।

    भागलपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बाबू राम ने बताया कि साहिबगंज इलाके के निवासी अरविंद यादव के बयान के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसमें उसने त्योहार के दौरान शराब पीने से बीमार होने की बात स्वीकार की है। उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार नीत सरकार ने अप्रैल 2016 में शराब की बिक्री और सेवन पर पूर्ण रोक लगा दी थी। (एजेंसी)