Haryana: Legislative Speaker Corona infected, including Kam Khattar

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    हरियाणा:  निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण पर हरियाणा और पंजाब हाई कोर्ट द्वारा लगाई रोक को लेकर हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने सुप्रीम कोर्ट में (Supreme Court)  याचिका दायर की है। जिस पर उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई को 11 फरवरी तक स्थगित कर दिया है।

    ज्ञात हो कि, हरियाणा सरकार के रोजगार गारंटी कानून पर गुरुवार को पंजाब और हरियाणा HC ने रोक लगा दी थी। अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि, “वह राज्य के बेरोजगार युवाओं के हित में प्रथम दृष्टया मान्य कानून को मानने के राज्य के तर्कों में योग्यता खोजने में विफल रहा है।”

    गौरतलब है कि, मनोहर लाल खट्टर सरकार ने 2020 में निजी नौकरियों में राज्य के युवाओं के लिए 75 प्रतिशत आरक्षण विधानसभा से हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों के रोजगार अधिनियम 2020 बिल पास करवाया था। राज्य सरकार के इस निर्णय के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है थी।

    क्या है ये कानून 

    दरअसल, हरियाणा राज्य स्थानीय अभ्यर्थी रोजगार कानून, 2020 राज्य के नौकरी पाने के इच्छुक लोगों को निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 फीसदी का आरक्षण देता है. जो कि 15 जनवरी से प्रभावी हुआ है. यह आदेश अधिकतम सकल मासिक वेतन या 30,000 रुपए की मजदूरी देने वाली नौकरियों पर लागू किया गया है. हालांकि, इस बिल को राज्यपाल ने अपने पास रख लिया था. जिसके बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से मुलाकात के बाद बिल में मामूली संशोधन कर राज्यपाल ने कानून पर अपने हस्ताक्षर किए थे।