श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में आतंकवाद (Terrorism) संबंधित हिंसा में करीब 50 प्रतिशत की कमी आई है लेकिन सीमा पार से नियंत्रित आपराधिक तत्व और देश के भीतर मौजूद दुश्मन निहत्थे लोगों की हत्या कर लोगों के बीच डर पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा इलाके में सेना द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के इतर पत्रकारों से बात करते हुए श्रीनगर स्थित 15 कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे ने कहा कि आपराधिक तत्वों को सीमा पार से नियंत्रित किया जाता है। देश के भीतर दुश्मन निहत्थे लोगों को मारकर लोगों में डर पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “हिंसा के मापदंड करीब 50 प्रतिशत तक घटे हैं। स्थिति बहुत अच्छी है और पूरे कश्मीर में स्थिरता है।” श्रीनगर और घाटी में अन्य जगहों पर हाल में हुए हमलों का जिक्र करते हुए जीओसी ने कहा कि इस तरह की हरकतों की प्रकृति आपराधिक होती है।
उन्होंने कहा, ”इन दिनों सामने आ रही दुर्लभ घटनाओं में, कुछ आपराधिक प्रवृत्ति वाले लोग निहत्थे सुरक्षा कर्मियों या निवासियों को मारते हैं। इन कृत्यों को आतंकवादी घटनाएं भी नहीं कहा जा सकता है, बल्कि ये अपराधिक वारदातें हैं, जिन्हें अपराधियों द्वारा अंजाम दिया जाता है। ये लोग किसी भी धर्म का सम्मान नहीं करते।”
उन्होंने कहा कि आतंकवादियों की तरफ से असैन्य नागरिकों, नेताओं और निहत्थे पुलिसकर्मियों को निशाना बनाकर डर का माहौल पैदा करने की कोशिश की जा रही है। लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने कहा, “इनमें से कुछ आपराधिक तत्व सीमा पार से नियंत्रित किये जा रहे हैं और कुछ देश के भीतर मौजूद दुश्मनों के द्वारा। ये दुश्मन शांति, स्थिरता एवं विकास से इतने निराश हैं कि दुकानदारों, नेताओं और निहत्थे पुलिसकर्मियों की हत्या कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि उन्हें भरोसा है कि पुलिस इन छोटी-मोटी घटनाओं पर लगाम लगा लेगी। एक सवाल के जवाब में लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने कहा कि आज की तारीख में करीब 200 आतंकवादी कश्मीर में सक्रिय हैं। सेना ने हंदवाड़ा के बेदकूट में आर्मी गुडविल स्कूल का नाम बदलकर कर्नल आशुतोष शर्मा के नाम पर रखने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया था जो पिछलेसाल मई में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। (एजेंसी)