ओडिशा पंचायत चुनाव: विधायक के बेटे को मात दे कर, कॉलेज छात्रा, सब्जी विक्रेता की जीत

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    भुवनेश्वर: ओडिशा की एक पूर्व कैबिनेट मंत्री और सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) के विधायक के बेटे को पंचायत चुनाव में हार का सामना करना पड़ा, जबकि कॉलेज की छात्रा, सब्जी विक्रेता और दंत चिकित्सक ने राज्य में ग्रामीण चुनाव में जीत हासिल की है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री अंजलि बेहरा ने ढेंकनाल जिले के हिंडोल ब्लॉक के अंतर्गत गिरिधर प्रसाद ग्राम पंचायत से पंचायत समिति सदस्य सीट के लिए चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें 826 मतों से हार का सामना करना पड़ा।

    हिंडोल सीट से तीन बार विधायक रह चुकी बेहरा 2009-2011 और 2011-2012 तक नवीन पटनायक सरकार में महिला एवं बाल विकास और हथकरघा, कपड़ा और हस्तशिल्प मंत्री थीं। उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए बीजद से बर्खास्त कर दिया गया था और फिर वह भाजपा में शामिल हो गईं थीं। बेहरा ने चुनाव से पहले पत्रकारों से कहा था कि राजनीति में सक्रिय रहने और लोगों की सेवा करने के लिए वह पंचायत समिति सदस्य सीट के लिए चुनाव लड़ रही हैं।

    राज्य भर में नवीन पटनायक की काफी लोकप्रियता के बावजूद, बीजद विधायक एवं पूर्व मंत्री अनंत दास के बेटे बिस्वजीत दास बालासोर जिले में पंचायत चुनाव हार गए। एक निर्दलीय उम्मीदवार ने उन्हें 88 मतों से मात दी। एक अन्य बीजद समर्थित उम्मीदवार और अनंत के रिश्तेदार अच्युतानंद दास भी बालासोर जिले के भोगराई में महेश्वर पंचायत सीट से चुनाव हार गए। पुरी जिले के प्रताप पुरुषोत्तमपुर गांव के एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली स्नातक की छात्रा हीरा नायक ने पंचायत चुनाव में जीत दर्ज की। 

    उन्होंने पंचायत समिति सदस्य की सीट चार मतों के मामूली अंतर से जीती। हीरा ने बताया कि उनके पिता दिहाड़ी मजदूर हैं और परिवार एक जर्जर झोपड़ी में रहता है। आर्थिक तंगी और कई बाधाओं के बावजूद उन्होंने पढ़ाई जारी रखी और अभी वह स्नातक पाठ्यक्रम के तीसरे वर्ष में है। हीरा ने कहा, ‘‘ मैंने देखा है कि ‘फोनी’ चक्रवाती तूफान में मेरे गांववालों को कितना नुकसान हुआ और स्थानीय पंचायत सदस्यों ने कैसे कोई भी मदद नहीं की। इसलिए ही, मैंने चुनाव लड़ने का फैसला किया।” 

    इसी तरह, सब्जी विक्रेता टी. श्रीधर ने रायगडा जिले के रामनगुडा जोन-I से जिला परिषद सदस्य के रूप में चुनाव जीता। कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ने वाले श्रीधर ने कहा, ‘‘लोगों को मुझ पर विश्वास था और इसलिए उन्होंने विपक्षी दलों के पैसे को ठुकरा कर मुझे वोट दिया। मैं उन्हें हताश नहीं करूंगा।” पेशे से दंत चिकित्सक एवं कांग्रेस के पूर्व विधायक भजबल माझी की बेटी लिपिका माझी ने नबरंगपुर जिले के पापदहांडी जिला परिषद जोन-द्वितीय से जीत दर्ज की। उन्होंने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था। 

    उन्होंने कहा, ‘‘ अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुआ, मैं अपने क्षेत्र के लोगों की सेवा करूंगी, जो स्वास्थ्य सेवाओं एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित हैं।” भाजपा के पूर्व नेता कुलमानी बराल के बेटे रमाकांत बराल ने कटक जिले के नृतांग पंचायत से पंचायत समिति सदस्य के रूप में चुनाव जीता। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी को 600 मतों के अंतर से मात दी। कुलमानी बराल और उनके दोस्त दिव्या शंकर बराल की कटक जिले में हत्या कर दी गई थी। (एजेंसी)